Ayodhya News: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक, प्रतिष्ठा द्वादशी पर 11 जनवरी को मनेगी पहली वर्षगांठ
Ayodhya News: पुजारियों को 6 माह का प्रशिक्षण देने के बाद उनके प्रमाण पत्र दिए गए। बैठक में उन पुजारियों की नियुक्ति के नियमों को स्वीकार किया गया। जो नियम स्वीकार करेंगे, उन्हें सेवा में लिया जाएगा।
Ayodhya News: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक आज मणिराम दास छावनी में हुई। इसमें केवल चार ट्रस्टी ही शामिल नहीं हो सके। बाकी सभी शामिल हुए। प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के संबंध में निर्णय लिया गया है कि इसे प्रतिष्ठा द्वादशी के नाम से जाना जाएगा और पहली वर्षगांठ द्वादशी 11 जनवरी को है।
भारत सरकार में विशेष सचिव आईएएस प्रकाश लोखंडे ऑनलाइन जुड़े। अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने रामानंदी परंपरा के सर्वश्रेष्ठ संत नृत्य गोपाल दास जी के स्वास्थ्य के बारे में सोच-समझकर लिखने और बोलने की सलाह दी। यह भी बताया गया कि श्रद्धालुओं द्वारा समर्पित 940 किलो चांदी पिघलने के लिए सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को सौंपी गई, जिसकी गुणवत्ता उच्चतम स्तर की थी। 71 नमूनों में से 64 की गुणवत्ता 90 से 98 प्रतिशत पाई गई।
पुजारियों को 6 माह का प्रशिक्षण देने के बाद उनके प्रमाण पत्र दिए गए। बैठक में उन पुजारियों की नियुक्ति के नियमों को स्वीकार किया गया। जो नियम स्वीकार करेंगे, उन्हें सेवा में लिया जाएगा। सभी पुजारियों को चक्रीय क्रम में 18 मंदिरों में जाना होगा। अशुद्धि की स्थिति में पुजारी स्वविवेक से कार्य से विरत रहेंगे। जिस प्रकार जन्माष्टमी का त्यौहार हिंदी तिथि और कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, उसी प्रकार संतों का विचार है कि पौष शुक्ल (कूर्म द्वादशी) को प्रतिष्ठा द्वादशी मनाई जानी चाहिए। वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को होगी।
इसके अलावा दूरदर्शन 18 मंदिरों की आरती के बेहतरीन प्रसारण की स्थायी व्यवस्था कर रहा है। परिसर में यात्री सेवा केंद्र के पास 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में अपोलो अस्पताल दिल्ली द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित की जाएगी, जिसमें अल्ट्रासाउंड आदि सुविधाएं भी होंगी। महंत नृत्य गोपाल दास जी ने परिसर के दक्षिणी कोने में सभागार, 500 लोगों के बैठने की क्षमता वाले अतिथि गृह और ट्रस्ट के कार्यालय के निर्माण का शिला अनावरण कर शुभारंभ किया।
मंदिर में श्रद्धालुओं को गर्मी और बारिश से बचाने के लिए अस्थायी जर्मन हैंगर लगाए गए थे। अब यहां 9 मीटर चौड़ा और करीब 600 मीटर लंबा स्थायी शेड बनाया जाएगा, जिसका कुछ हिस्सा राजकीय निर्माण निगम उत्तर प्रदेश और कुछ हिस्सा एलएनटी को दिया गया है।
महामंत्री ने बताया कि निर्माण प्रगति के अनुसार सप्त मंडल मंदिर मार्च तक, शेषावतार मंदिर अगस्त तक और परकोटा मंदिर अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। प्रेस वार्ता में ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा और गोपाल राव भी मौजूद रहे।