Lucknow News: आजादी के अमृत महोत्सव पर गुलाब देवी ने कहा- युवा पीढ़ी को संस्कार युक्त शिक्षा देने की जरूरत

Lucknow News: जीवन में सफल (Success) होना है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करना (goal of life) है तो अपने अंदर के विकारों का त्याग करना होगा।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-12 20:25 IST

Lucknow: जीवन में सफल (Success) होना है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करना (goal of life) है तो अपने अंदर के विकारों का त्याग करना होगा। इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ (healthy body) रखने के लिए दिनचर्या और खान-पान (routine and diet) पर विशेष ध्यान देना होगा। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हम किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं।

उक्त उद्गार मुख्य वक्ता प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 20वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।

सेना में जाकर देश की सेवा करना एक सौभाग्य- कर्नल विजयंत कुमार

मुख्य अतिथि वीर चक्र से सम्मानित कर्नल विजयंत कुमार ने कहा कि सेना में जाकर देश की सेवा करना एक सौभाग्य है, लेकिन जो लोग सेना में नहीं जा सकते हैं वह जिस भी क्षेत्र में हैं, वहीं रहकर देशहित व देश के विकास के लिए कार्य करें, यही सच्ची देश सेवा होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए टीम वर्क एवं प्रेरणा की आवश्यकता होती है। सेना में अनुशासन व टीम वर्क बहुत मायने रखता है, तभी हम अपने मिशन में कामयाब होते हैं। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बच्चों के सवालों के जवाब भी दिए।

मुख्य वक्ता प्रदेश माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने कहा कि हमारे भैया-बहन अपने जीवन के प्रारम्भिक चरण में हैं उन्हें कुछ नियमों और अनुशासन का कठोरता से पालन करने की जरूरत है, जो उनके जीवन में उपयोगी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने देश की सेवा करने में तब सक्षम होंगे,जब हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे।

विद्यालयों में बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने की आवश्यकता

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हम अपनी प्रकृति के खिलाफ ही लड़ रहे है, जो हमारे लिए ही घातक है, क्योंकि व्यक्ति ने जिस प्रकृति में जन्म लिया है अगर वह उसके खिलाफ रहेगा तो उसका अस्तित्व भी समाप्त होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि भैया-बहनों के अंदर संस्कार का अभाव होता जा रहा है। ऐसे में विद्या भारती के स्कूलों की तरह अन्य विद्यालयों में भी भैया-बहनों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने बच्चों को अपने माता-पिता और वरिष्ठजनों का सम्मान करने की बात कही।

विशिष्ट अतिथि केजीएमयू के निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह ने कहा कि हम सब एक स्वतंत्र देश में पैदा हुए हैं और देश की स्वतंत्रता के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया। जिनके बलिदान को याद करने व युवा पीढ़ी तक उनकी वीरगाथा को पहुंचाने के लिये आज़ादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रहित सर्वोपरि जैसे कार्यक्रमों का आयोजन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वर्तमान समय का सबसे गंभीर विषय है, अब तक हम कोरोना की तीन लहरों को देख चुके हैं और चौथी लहर आने की आशंका जतायी जा रही है। ऐसे में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी से कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की अपील की।

आजादी के अमृत महोत्सव

कार्यक्रम अध्यक्ष भारतीय शिक्षा परिषद् के सचिव व प्रशिक्षण प्रमुख दिनेश जी ने कहा कि विद्या भारती अपने स्कूलों में संस्कारयुक्त शिक्षा देने के साथ-साथ उनके अंदर देश प्रेम की भावना को जगा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में लोगों में जागरूकता लाने व बच्चों को बचाने के लिए विद्या भारती ने 'बच्चे हैं अनमोल' कार्यक्रम को चलाया था। इसके साथ वर्चुवल माध्यम से शिक्षा देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि शहीदों, सेना के नायकों व उनके परिवारों को सम्मान देने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख म उमाशंकर मिश्र ने आए हुए सभी अतिथियों का परिचय कराया। पूर्व सैनिक सेवा परिषद् के कर्नल श्री आर. पी. सिंह ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया।

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