'ऐसा इंजेक्शन लगाऊंगा जिंदगी भर उठ नहीं पाओगे', इलाज करवाने गए मरीज पर तिलमिलाए डॉक्टर

Azamgarh News: नर्स के इलाज दवा देने के बाद डॉक्टर रात भर नहीं आए। फोन करने पर भड़क गए। उन्होंने मरीज को दर्द में डिस्चार्ज भी कर दिया।

Report :  Shravan Kumar
Update:2024-10-02 11:05 IST

अस्पताल में घूमते बंदर (Pic: Newstrack)

Azamgarh News: डॉक्टर को धरती पर दूसरा भगवान समझ जाता है, सरकार की मंशा है कि हर पीड़ित को न्याय मिले और हर गरीब को सस्ती से सस्ती समुचित इलाज किया जा सके। परंतु कुछ ऐसे पेशेवर लोग हैं जो सरकार व समाज को भी बदनाम पर तुले हुए हैं। ऐसी ही एक घटना एक पीड़ित गरीब छात्र के साथ घटित हुई। लालगंज निवासी पीड़ित छात्र राहुल कुमार ने आरोप लगाते हुए बताया कि प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था कि इसी दौरान तबीयत खराब हुई।

परिजनों ने उसे लालगंज स्थित 100 शैया युक्त अस्पताल में दिखाया, तो वहां पर तैनात चिकित्सक ने उसकी जांच कराई। कुछ देर बाद उसको पेट और सीने में असहनीय दर्द होने लगा। परिजन उसको डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने जाँच रिपोर्ट देखने के बाद बताया कि मरीज का प्लेटलेट्स कम है। इनको जिला अस्पताल मे दिखाइए। दर्द से कराह रहे पीड़ित छात्र के परिजन आनन फानन में 108 एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर नवनीत गुप्ता को स्टाफ नर्स ने मोबाइल से जानकारी दिया। डॉक्टर ने स्टाफ नर्स से बोला की एंटीबायोटिक व दर्द का इंजेक्शन लगा देना। उसके बावजूद भी जब दर्द होने लगा तो परिजन स्टाफ नर्स से बताया कि डॉक्टर को बुला दीजिए।

रात भर नहीं आए डॉक्टर

स्टाफ नर्स ने बताया कि इंजेक्शन लग गया आराम मिल जाएगा। डॉक्टर राउंड पर आएंगे। परिजन सारी रात डॉक्टर को राउंड पर इंतजार करते रहें, परन्तु राउंड पर डॉक्टर नहीं आए। बल्कि अस्पताल में बंदर व कुत्ते राउंड करते देखे गए। पीड़ित छात्र के परिजन जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर अमोद कुमार को सारी घटना बताई। उन्होंने डॉक्टर नवनीत गुप्ता को फौरन मरीज देखने को निर्देश दिया। शिकायत सुनकर डॉक्टर नवनीत गुप्ता तिलमिलाते हुए जाकर मरीज से कहा कि ज्यादा शिकायत करोगे,तो ऐसा इंजेक्शन लगा दूंगा कि जिंदगी भर उठ नहीं पाओगे। मानवीय संवेदना को तार तार करने वाले डॉक्टर की इतनी बात सुनकर पीड़ित छात्र के परिजन घबरा गए।

दर्द के बावजूद किया डिस्चार्ज

भयभीत छात्र के परिजन ने स्टाफ नर्स से आनन- फानन में डिस्चार्ज करने की बात कही। वहां पर तैनात स्टाफ नर्स ने डॉक्टर को मोबाइल से बात किया तो डॉक्टर नवनीत गुप्ता ने कहा कि लिखवा कर ही इनको डिस्चार्ज करना। पीड़ित छात्र के परिजन उसको किसी तरह घर लाये। अभी भी पीड़ित छात्र दर्द से कराह है। परंतु वहां पर तैनात डाक्टर की मानवीय संवेदना को देखने से पता चलता है, कि मरीज के साथ उनका कैसा व्यवहार होता होगा। इस संबंध में आरएसएस प्रमुख संजय ने कहा कि ऐसे लापरवाह डॉक्टर को बर्खास्त कर देना चाहिए जो समाज और सरकार को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। 

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