अयोध्या: एक ओर राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण की कवायद तेज हो गयी है तो दूसरी तरफ अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर भी योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) बढ़ा कदम उठा सकती है। दरअसल, मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के अवशेषों के लिए एक ख़ास म्यूजियम बनाने पर विचार हो रहा है। जिनमें इन अवशेषों को संजोकर रखा जाएगा।
अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन तय:
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन तय कर दी है। वहीं बाबरी एक्शन कमेटी इस जमीन को लेने के हक में नहीं है। लेकिन जानकारी के मुताबिक, बाबरी मस्जिद के अवशेषों की मांग को लेकर कमेटी कोर्ट में अपील करने की तैयारी में है।
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कमेटी बाबरी मस्जिद के अवशेषों के लिए कोर्ट जाने की तैयारी में:
इसके लिए बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का प्लान है कि वह सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के मलबे को मुसलमानों को सौंपने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल करेगी। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद के अवशेष मिलने पर उसे ख़ास तौर पर म्यूजियम में संरक्षित किया जाए। कमेटी म्यूजियम के लिए लखनऊ और दिल्ली में जमीन भी तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक़ कमिटी जल्द इस विचार पर काम शुरू कर देगी।
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इस बारे में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी का कहना है कि उनकी कोशिश है कि मंदिर निर्माण से पहले ही वहां से बाबरी मस्जिद का मलबा हटवा दिया जाएँ। ताकि उसे बतौर धरोहर संभाल कर रखा जा सके। बोर्ड की सहमति के बाद इस ओर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
म्यूजियम बनाने की बताई जा रही ये वजह:
बाबरी मस्जिद के अवशेषों को म्यूजियम में रखने की वजह भी बताई गयी। कहा जा रहा है कि शरीयत में किसी भी मस्जिद की सामग्री को अन्य दूसरी मस्जिद या इमारत में नहीं लगवाया जा सकता।
न हीं मस्जिद के सामान का अनादर किया जाता है। ऐसे में इसे म्यूजियम में रखना ही उचित होगा। बता दें कि कोर्ट ने अपने फैसले में मलबे के संबंध में कोई आदेश नहीं दिया था।