नेपाल ने अचानक सरयू में 2.45 लाख क्यूसेक छोड़ा पानी, जंगली जानवरों को भी बढ़ा खतरा

Bahraich News: अब इंडोनेपाल की सीमा से सटे जंगलों में भी जल प्रलय नजर आने लगा है। नेपाल की मोहना नदी का पानी शारदा और घाघरा में बहकर खतरे के निशान को छू रहा हैं।

Update: 2024-07-20 09:22 GMT

नेपाल ने अचानक सरयू में 2.45 लाख क्यूसेक छोड़ा पानी (न्यूजट्रैक)

Bahraich News: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते नेपाल की नदियों ने कहर बरपा रखा हैं। अभी तक तो आम जनमानस ही बाढ़ का कहर झेल रहा था। अब इंडोनेपाल की सीमा से सटे जंगलों में भी जल प्रलय नजर आने लगा है। नेपाल की मोहना नदी का पानी शारदा और घाघरा में बहकर खतरे के निशान को छू रहा हैं। वहीं नदियों का पानी अब तक मिहींपुरवा के जंगल गुलरिहा, चहलवा, बड़खड़िया और सुजौली जंगलों में बेजुबानों के लिए खतरा बनता जा रहा है। बीते कुछ दिनों पहले इन जंगलों में भरे बाढ़ के पानी में टाइगर के बहने की खबर भी आई थी।

इसी तरह से बहराइच के मिहीपुरवा तहसील में स्थित चहलवा ग्राम के रहने वाले लगभग 140 से अधिक लोग घाघरा नदी के किनारे टापू पर स्थित खेत पर काम करने गए थे। इसी बीच अचानक नदी में बाढ़ आने से सभी लोग पानी से घिर गए। लोगों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। बताया जाता है कि नेपाल के पहाड़ों पर हुई बारिश से चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज पर बीती रात पानी का दबाव बढ़ गया, जिससे बैराज से अचानक 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अचानक पानी छोड़े जाने से 140 ग्रामीण नदी के टापू में फंस गए। जिन्हें रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया। जानकारी के अनुसार मिहींपुरवा तहसील के ग्राम पंचायत चहलवा के सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार की शाम सरयू के टापू में खेती के कार्य से गए थे।

इसी दौरान अचानक बैराज से 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सभी पानी के बीच फंस गए। 140 ग्रामीणों के फंसे होने की सूचना से जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। प्रशासन ने आनन-फानन में तैयारी की और एसडीएम संजय कुमार, सुजौली थाना प्रभारी सौरभ सिंह, मोतीपुर थाना प्रभारी दद्दन सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और एनडीआरफ टीम की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी 140 ग्रामीणों को सकुशल पानी से बाहर निकाल लिया गया।

शनिवार को जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया और मौके की नाजाकत को जाना। इस दौरान डीएम ने सभी से अपने दायित्वों के प्रति सजग रहने को कहा है। बताते हैं कि बाढ़ के दौरान पूरी रात हड़कंप की स्थिति बनी रही। वहीं, जलस्तर बढ़ने से मिहींपुरवा के जंगल गुलरिहा, चहलवा, बड़खड़िया और सुजौली समेत आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भरने शुरू हो चुका है।

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