बलिया: उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने आज कहा है कि महिलाओं को कोई भी वस्त्र पहनने की स्वतंत्रता होनी चाहिये । उन्होंने कहा कि रूढ़िवाद व परम्परा के नाम पर उनके उपर कुछ भी थोपा नही जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि समाज के प्रबुद्ध लोगों व धर्म गुरुओं को 21 वी सदी के साथ समाज को आगे बढ़ाने का अवसर देना चाहिए ।ये भी पढ़ें:मेरठ: MP राजेंद्र अग्रवाल ने जल शक्ति मंत्री से पूछा सवाल, कहा ये वह सुधार की बात कह रहे हैंसंसदीय कार्य राज्य मंत्री शुक्ल ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बुर्का से आजादी दिलाने के अपने बयान पर सफाई दी तथा कहा कि वह सुधार की बात कह रहे हैं । उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म की महिला को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह क्या पहने व क्या न पहने । उन्होंने कहा कि रूढ़िवाद व परम्परा के नाम पर उनके उपर कुछ भी थोपा नही जाना चाहिए और न दबाव बनाया जाना चाहिए ।अनेक मुस्लिम देशों में बुर्का पर पाबंदी लगाई गई हैउन्होंने दोहराया कि अनेक मुस्लिम देशों में बुर्का पर पाबंदी लगाई गई है, निश्चित रूप से मुस्लिम धर्म गुरुओं को इस बारे में विचार करना चाहिए और मुस्लिम महिलाओं को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वह चाहे तो बुर्का पहने या न पहने । यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने के लिये कदम उठायेगी , उन्होंने कहा कि यह विषय अभी सरकार का नही है । यह विषय समाज का है । उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्म गुरुओं को इसका संज्ञान लेना चाहिए । मुस्लिम धर्म गुरु मुस्लिम महिलाओं की राय ले । किसी भी धर्म गुरु को परम्परा के नाम पर किसी धर्म की महिला पर कोई वस्त्र पहनने के लिए नही थोपना चाहिए ।समाज के प्रबुद्ध लोगों व धर्म गुरुओं को 21 वी सदी के साथ समाज को आगे बढ़ाने का अवसर देना चाहिएउन्होंने इसके साथ ही कहा कि समाज के प्रबुद्ध लोगों व धर्म गुरुओं को 21 वी सदी के साथ समाज को आगे बढ़ाने का अवसर देना चाहिए । उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि यह उनकी निजी राय है तथा वह अपनी यह बात सभी धर्म से जुड़ी महिलाओं को लेकर कह रहे हैं । उन्होंने कहा कि समय के साथ विकसित सोच रखना अपेक्षित होता है । उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन तलाक के मसले पर इसलिए कदम उठाया क्योंकि लंबे समय से मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस पर कोई विचार नही किया ।लोकतंत्र में निर्वाचित होने के बावजूद ओवैसी की तरह के कुछ ऐसे मुसलमान हैंउन्होंने बेतुका बयान देते हुए कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित होने के बावजूद ओवैसी की तरह के कुछ ऐसे मुसलमान हैं , जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री व योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नही कर रहे । उन्होंने कहा कि ऐसी सोच लोकतंत्र के हित में नही है । राज्य मंत्री ने अजान को लेकर जिलाधिकारी को दिये गये पत्र पर मुस्लिम धर्म गुरुओं के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो गीदड़ भभकी दे रहे हैं , उन्होंने कश्मीर में धारा 370 हटाये जाने व तीन तलाक पर कानून बनाते समय खून की नदी बहाने व सी ए ए पर देश में बवाल होने की बात कही थी ।ये भी पढ़ें:बस्ती: अंधविश्वास के नाम पर तांत्रिक ने किया किशोरी से रेप, गिरफ्तार उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय ने आम लोगों के अधिकार को सुरक्षित करते हुए रात्रि10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग की मनाही की है तो निश्चित रूप से यह होना चाहिए । उन्होंने इसके साथ ही कहा कि सुबह 6 बजे के पहले अजान नही होना चाहिए । उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि दिन में भी ध्वनि विस्तारक यंत्र से ध्वनि की सीमा सीमित होनी चाहिये । उन्होंने कहा कि यह हमारी मांग है और यह होगा ।रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर