Banda News: विलुप्त प्रजाति गिद्धों का झुंड दिखा, देखने के लिए उमड़ी भीड़
Banda News: नरैनी कस्बा निवासी तकनीकी सहायक विजय कुमार दुवेदी ने बताया कि यहा से निकलते समय अक्शर उन्हें गिद्ध दिखाई देते थे लेकिन शनिवार को बड़ी संख्या में दिखे है।
Banda News: नरैनी में विलुप्त प्राय की श्रेणी में आ चुके गिद्धों ने बांदा के जंगल क्षेत्र में अपना बड़ा कुनबा तैयार कर लिया है। गिद्धों का झुंड देख ग्रामीण खुश हैं। वन विभाग के रिकार्डों में इनकी संख्या शून्य बतायी जा रही हैं। सढ़ा क्षेत्र में और बुलाकी गांव के बीच खेतो में शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने 100 से अधिक गिद्धों को बैठे हुए देखा। कुछ ही देर में रास्ते से निकलने वाले कई लोग यहा खड़े होकर फोटोग्राफी करने लगे।
इतनी बड़ी संख्या में पहली बार देखा गया
नरैनी कस्बा निवासी तकनीकी सहायक विजय कुमार दुवेदी ने बताया कि यहा से निकलते समय अक्सर उन्हें गिद्ध दिखाई देते थे। लेकिन शनिवार को बड़ी संख्या में दिखे है। क्षेत्रीय गांव छतफरा के लालाराम, छतैनी के रामानंद पांडे ने बताया कि पास में छोटे छोटे जंगलों की श्रृंखला है, जहाँ गिद्ध प्राकृतिक तरीके से रह रहे है मृत पशुओं का मांस खाने खेतो में आ जाते हैं. बताया कि इतनी संख्या में पहली बार देखा है। बताया कि सढ़ा, महुई, छतैनी,रक्सी, बिरौना, नीबी आदि गांवो में गिद्धों को देखा जा रहा है। वन विभाग के दरोगा धर्मनारायण द्विवेदी ने बताया कि श्रेणी नम्बर 4 का पक्षी है गिद्ध जिले में विलुप्त प्राय की श्रेणी में है। बताया कि शासन को भेजी गई रिपोर्ट में जिले में गिद्धों की संख्या शून्य बतायी गई हैं।
1990 के दशक में बड़ी संख्या में गिद्धों की मौत हुई थी
पशुचिकित्साधिकारी डॉ अभिषेक ने बताया कि वर्ष 1990 के दशक में पशुपालकों द्वारा अपने पालतू पशुओं के बीमार होने पर दर्द निवारक डायक्लोफ़ेनाक इंजेक्शन का प्रयोग करते थे। इस इंजेक्शन के लगने के बाद एक निश्चित समय पर जिन पशुओं की मौत हो जाती थी। उनका मांस गिद्ध खाते थे। जिससे बड़ी संख्या में गिद्धों की मौत हुयी थी। वर्ष 2006 से सरकार ने इस इंजेक्शन को प्रतिबंधित कर दिया है।