Banda News: भाजपाई माननीयों की रार से जोड़ा जा रहा कमिश्नर का तबादला, एक खेमा मस्त तो दूसरा पस्त

Banda News: प्रथम नागरिक की सरपरस्ती में तमाम अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों की पाती को करिश्माई माननीय ने आगे बढ़ाया था। कवरिंग लेटर के साथ तत्कालीन कमिश्नर त्रिपाठी को सौंपा था।;

Report :  Om Tiwari
Update:2025-01-10 19:39 IST

Banda News ( Pic- Social Media )

Banda News: चित्रकूटधाम कमिश्नर रहे बालकृष्ण त्रिपाठी का स्थानांतरण भले ही रुटीन प्रक्रिया का हिस्सा हो, लेकिन इसे बांदा में भाजपाई माननीयों की रार का नतीजा माना जा रहा है। प्रथम नागरिक खेमा अपनी पीठ ठोंक रहा है और करिश्माई माननीय खेमे के लोग बगलें झांकने को मजबूर हैं। बावजूद इसके करिश्माई माननीय अपनी लय-ताल पर कायम हैं। अपनों के बीच प्रथम नागरिक को घुटने पर लाने का उदघोष कर वह अपने उच्च संपर्कों का बखान कर रहे हैं। थैले की खनक भी जता रहे हैं। उनके 'अपने' नए करिश्मे के अनुमान में ग़ाफ़िल हैं। दूसरी ओर नई कथित उर्जा से लवरेज प्रथम नागरिक खेमा फिलहाल हथियार डालने के मूड में नहीं दिखता।

करिश्माई माननीय की आगे बढ़ाई आरोपों की पाती पर कमिश्नर ने दिखाई थी सक्रियता

दरअसल, प्रथम नागरिक की सरपरस्ती में तमाम अनियमिताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों की पाती को करिश्माई माननीय ने आगे बढ़ाया था। कवरिंग लेटर के साथ तत्कालीन कमिश्नर त्रिपाठी को सौंपा था। जांच की पुरजोर मांग की थी। कहा था, आरोपों की पाती में उकेरे गए सभी बिंदुओं की किसी कमेटी से जांच कराई जाए। 5 नवंबर के इस आग्रह पर तत्कालीन कमिश्नर त्रिपाठी ने अगले ही दिन 6 नवंबर को सक्रियता दिखाई। त्रिपाठी ने करिश्माई माननीय के कवरिंग लेटर का हवाला देते हुए 3 सदस्यीय जांच समिति गठित कर CDO को समिति का सचिव नामित किया। अपर कमिश्नर एडमिनिस्ट्रेशन और जेडीटी को सदस्य बनाया। इस समिति ने क्या जांचा, पाया और बताया, फिलहाल यह आवरण के घेरे में है।

तत्कालिक कमिश्नर बालकृष्ण त्रिपाठी ने टेंडर निरस्त कर दिया था कड़ा संदेश

हालांकि इस बीच करिश्माई माननीय की पहल पर तत्कालीन कमिश्नर ने प्रथम नागरिक की एक विभागीय टेंडर को खारिज कर जोर का झटका धीरे से दिया और करिश्माई माननीय ने दुमछल्ले नुमा लोगों से इसे खूब प्रचारित-प्रसारित कराया। सोशल और प्रिंट मीडिया, सभी का इस्तेमाल हुआ। किसी की भी मुठ्ठी गरम कर उसे चेला बनाने की उस्तादी रिपीट हुई। लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ी। क्यों, इस पर करिश्माई माननीय खेमे में अंतहीन उधेड़बुन जारी है।

प्रथम नागरिक का सीएम को पूरा माजरा बताना बना अर्जुन का तीर

जबकि प्रथम नागरिक खेमा जवाबी वार को अर्जुन का तीर मान रहा है। प्रथम नागरिक ने बीते 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर करिश्माई माननीय और उनके इशारे पर कथक कर रहे तत्कालीन कमिश्नर त्रिपाठी की असलियत बयां की। लिखित ब्यौरा सौंपा। बताया, करिश्माई माननीय सरकारी ठेकों समेत हर मामले में हस्तक्षेप चाहते हैं। मनमानी और अधिकारियों को जेब में रखना उनकी फितरत है। पुलिस और प्रशासन उनके घर पानी भरते हैं। कमिश्नर (तत्कालीन) उनके दबाव में पद का दुरुपयोग कर रहे हैं.., यह बात भी आई गई ही थी। लेकिन इसी बीच कमिश्नर त्रिपाठी का तबादला क्या हुआ प्रथम नागरिक खेमे की चढ़ी त्यौरियां देखते बनती हैं।

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