Banda News: पत्रकार राघवेंद्र की हत्या को लेकर पत्रकारों द्वारा DM को सौपा गया ज्ञापन
Banda News: पत्रकारों ने वार्ता कर कहा जब तक हम एक नहीं होंगे बड़े-बड़े क्रिमिनल और माफियाओ के खिलाफ लिखेंगे। हमारे ऊपर वो हावी होंगे, हत्याएं होगी।;
राघवेंद्र पत्रकार की हत्या को लेकर पत्रकार बंधुओ द्वारा सौपा गया ज्ञापन (photo: social media )
Banda News: सीतापुर की घटना को देखते हुए जिला अधिकारी को दिया ज्ञापन। ज्ञापन में खेद व्यक्त करते हुए यह चिन्ता जताई गयी कि माफिया कानून से इतने ऊपर हो गए कि अब उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की भी हत्याएं हो रही है। माफियाओं के अंदर से यह भय भी खत्म हो गया कि उनसे ऊपर भी कोई कानून है। कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए एक पत्रकार की सीतापुर में गोली मारकर हत्या कर दी जाती है, जो पत्रकार दिन-रात समाज की सेवा करता है। क्या उनके पीछे अपना खुद का परिवार नहीं होता है, हमारी सुरक्षा की क्या गारंटी है। पिछली सरकारों में कई पत्रकारों की हत्या हुई, क्या हुआ ? उनके परिवारों को कभी तक न्याय मिल पाया ?
पत्रकारों ने वार्ता कर कहा जब तक हम एक नहीं होंगे बड़े-बड़े क्रिमिनल और माफियाओ के खिलाफ लिखेंगे। हमारे ऊपर वो हावी होंगे, हत्याएं होगी। दिन-रात समाज की सेवा करते-करते हम अपने परिवार को भी भूल जाते हैं। हमारे खुद के बच्चे भी हमारा घर पर इंतजार करते हैं, लेकिन हमें ना ठंडी से न गर्मी से न दिन और रात से कोई मतलब होता है, हम तो लोगों के न्याय की लड़ाई लड़ते-लड़ते सच्चाई को सामने लाने के लिए दिन रात मेहनत करते है। समाज से भ्रष्टाचार खत्म करते हैं, समाज को सुरक्षित और भय मुक्त करते हैं। उसके बदले में हमें क्या मिलता है, आज तक सरकार ने भी कभी पत्रकारों के लिए कोई पेंशन या बच्चों की पढ़ाई या बिजली फ्री या पत्रकारों के लिए कोई सुरक्षा सुविधा दी है?
पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सभी पत्रकार बंधू साथ आये
पूरे देश के पत्रकारों को पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर उसे न्याय दिलाना चाहिए और आज हम सबको एक होकर मृतक राघवेंद्र पत्रकार के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए साथ होना चाहिए। उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए ,उनके बच्चे या परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए और गुनहगारों को कठोर से कठोर सजा, फांसी होनी चाहिए। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं। एक वकील को थप्पड़ मारने में पूरे प्रदेश, देश का वकील एक हो जाता है, वकील तो फिर भी पत्रकारों के न्याय के लिए हमेशा खड़ा होता है। एक पत्रकार के लिए उसके न्याय के लिए आज हमें एक होकर आवाज उठानी चाहिए। कल ऐसी घटना का शिकार कोई भी पत्रकार हो सकता है।