Banda News: बेतवा को मालामाल बनाने से पहले केन हो रही कंगाल, जुर्माना ठोंक पीठ ठोंकने तक सीमित जिला प्रशासन

Banda News: जुर्माना ठोंक कार्रवाई बताते हुए पहले भी अपनी पीठ ठोंक चुके जिला प्रशासन ने सोमवार को भी इसकी झलक पेश कर बताया, बीते 26 दिसंबर को अपर जिलाधिकारी अमिताभ यादव की अगुवाई में खनन और राजस्व विभाग के अमले ने पैलानी तहसील अंतर्गत दो बालू खदानों को जांचा।;

Report :  Om Tiwari
Update:2024-12-30 17:54 IST
Banda News: बेतवा को मालामाल बनाने से पहले केन हो रही कंगाल, जुर्माना ठोंक पीठ ठोंकने तक सीमित जिला प्रशासन

बेतवा को मालामाल बनाने से पहले केन हो रही कंगाल, जुर्माना ठोंक पीठ ठोंकने तक सीमित जिला प्रशासन (Newstrack)

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Banda News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में केन-बेतवा के कृत्रिम संगम परियोजना का श्रीगणेश कर इसे बदहाल बुंदेलखंड को खुशहाल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया है। घोर विलंब की भेंट चढ़ी यह परियोजना कब पूरी होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन जिस केन से बेतवा को मालामाल करने की तैयारी है, क्या वह केन तब तक जख्म दर जख्म झेलने को यूं ही अभिशप्त रहेगी? यह सवाल इसलिए कि आज सोमवार को बांदा जिला प्रशासन ने एक और जुर्माना ठोंक कार्रवाई का विवरण साझा कर केन का सीना निरंतर छलनी किए जाने की खबरों पर मुहर लगाई है। दो खननकर्ताओं पर अवैध बालू खनन और परिवहन के लिए 54,10,400 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

दो खननकर्ताओं पर 54,10,400 रुपए का जुर्माना

जुर्माना ठोंक कार्रवाइयां बताते हुए पहले भी अपनी पीठ ठोंक चुके जिला प्रशासन ने सोमवार को भी इसकी झलक पेश कर बताया, बीते 26 दिसंबर को अपर जिलाधिकारी अमिताभ यादव की अगुवाई में खनन और राजस्व विभाग के अमले ने पैलानी तहसील अंतर्गत दो बालू खदानों को जांचा-परखा। खपटिहा कला में नोएडा निवासी खननकर्ता मनोज मिश्रा की खदान में स्वीकृत क्षेत्र के भीतर और बाहर व्यापक अवैध खनन और परिवहन होना पाया गया। इसी तरह साड़ी खादर में जयपुर निवासी खननकर्ता हिमांशु मीणा की खदान में अवैध खनन परिवहन की बात सामने आई। इस कृत्य के लिए दोनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।मनोज पर 39,65,450 और हिमांशु पर 14,44,950 रुपए का जुर्माना ठोंका गया है।

कलेक्ट्रेट गलियारों में सत्ताई रसूखदारों के आगे प्रशासन के नतमस्तक होने की चर्चा

जानकार लोग कहते हैं, प्रशासन का मकसद केन आदि नदियों को जख्मों से मुक्ति दिलाना कम, राजस्व जुटाना मात्र अधिक प्रतीत होता है। क्या कारण है कि अखबारों से लेकर सोशल मीडिया तक रोजाना अवैध बालू खनन ही प्रमुख सुर्खियां होती हैं और गाहे-बगाहे जुर्माने की कार्रवाई कर प्रशासनिक ड्यूटी की इतिश्री कर दी जाती है? वजह जो भी हो, लेकिन बांदा कलेक्ट्रेट के गलियारों में वैध-अवैध खनन से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संलिप्त उन सत्ताई रसूखदारों की चर्चा सरेआम होती है, जिनके आगे जिला प्रशासन नतमस्तक रहने को लाचार माना जाता है।यह लाचारी केन पर लगातार भारी पड़ रही है।

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