Banda News: साहित्य सेवा के लिए GG और वाद्ययंत्र अलगोजा को पहचान देने वाले मुन्नीलाल को वरिष्ठ रत्न सम्मान, समारोह में जुटी हस्तियां

Banda News: वाद्ययंत्र अलगोजा को बांदा-बुंदेलखंड में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले कलाकार मुन्नीलाल राजपूत को किया सम्मानित किया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोग मौजूद रहे।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-10-07 17:13 IST

 वाद्ययंत्र अलगोजा को बांदा-बुंदेलखंड में विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए मुन्नीलाल राजपूत को किया गया सम्मानित: Photo- Newstrack

Banda News: सीनियर सिटीजन को समर्पित 'वट फाउंडेशन' ने सोमवार को सादे किंतु गरिमापूर्ण समारोह में शिक्षा, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गोपाल गोयल और राजस्थानी वाद्ययंत्र अलगोजा को बांदा-बुंदेलखंड में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले कलाकार मुन्नीलाल राजपूत को किया सम्मानित किया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने लोग मौजूद रहे।

कवयित्री छाया सिंह की अध्यक्षता में सरस्वती वंदना से हुई समारोह की शुरुआत

बांदा शहर के एक मैरिज हाल में आयोजित वरिष्ठ रत्न सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि जाने-माने साहित्यकार चंद्रिका प्रसाद दीक्षित ललित ने सुशोभित किया। अध्यक्षता कवयित्री छाया सिंह ने की। शुरुआत स्वाती गुप्ता की सरस्वती वंदना से हुई।


चीफ गेस्ट ललित बोले, गोपाल गोयल के कृतित्व में कविवर केदारनाथ अग्रवाल की छाप

शिक्षा, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गोपाल गोयल को वरिष्ठ रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ललितजी ने हिंदी साहित्य में गोयल के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा, गोयल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। प्रख्यात कवि केदारनाथ अग्रवाल के सानिध्य में साहित्य साधक बने गोयल के कृतित्व में केदार की छाप मिलती है। शिक्षक और पत्रकारीय कर्म का भी उन्होंने पूरी शिद्दत से निर्वाह किया है। वरिष्ठ रत्न सम्मान के वह सुयोग्य हकदार हैं।

दिवारी लोक नृत्य गुरु रमेश पाल ने राजस्थानी वाद्ययंत्र अलगोजा पर डाला विस्तार से प्रकाश

गोयल के अलावा राजस्थानी वाद्ययंत्र 'अलगोजा' को बांदा-बुंदेलखंड में विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए मुन्नीलाल राजपूत को भी सम्मानित किया गया। दोनों को फाउंडेशन निदेशक डा. रचना गुप्ता, अर्चना गुप्ता, राघवेंद्र गुप्ता और आशा गुप्ता ने शील्ड देकर सम्मानित किया। इससे पहले दिवारी लोक नृत्य गुरु रमेश पाल ने अलगोजा वाद्ययंत्र पर विस्तार से प्रकाश डाला।


डा. रचना गुप्ता ने कहा, वटवृक्ष समान बुजुर्गों से समाज को मिलती है शीतलता और छांव

डा. रचना ने समारोह को संबोधित करते हुए वृद्धजनों को ऐसा वटवृक्ष बताया, जो समाज को छांव और शीतलता प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, जो पीढ़ी अपने बुजुर्गों की सेवा करेगी, उससे आने वाली पीढ़ी भी वही बर्ताव करेगी। समारोह में स्मृति गुप्ता, धीरेंद्र यादव, श्रवण कुमार, नंदिनी गुप्ता, लोकेंद्र सिंह, शांति भूषण सिंह, राम नरेंद्र सिंह, अनिल आवारा और संगीता सिंह समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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