अफसरों ने मातहतों के कसे होते पेंच तो नहीं होता टीचर से गैंगरेप

Update: 2016-08-02 19:32 GMT

बरेलीः टीचर से गैंगरेप की घटना के बाद जिस तरह पुलिस सक्रिय हुई, अगर वह हाइवे पर पेट्रोलिंग में इतनी सक्रियता बरतती तो वारदात को रोका जा सकता था। बुलंदशहर में हुई भयावह रेप की घटना के बाद हालांकि जानकारी मिलते ही अफसर हरकत में आए, पुलिसवाले भी बड़ी तादाद में दिखने लगे, लेकिन ये सब कवायद किसी काम की नहीं दिखी। बेहतर यही होता कि अफसर अपने मातहतों पर सख्ती बरतते होते, तो हाइवे पर बदमाश बेखौफ होकर गैंगरेप की ये वारदात नहीं कर पाते।

घटनास्थल पर जांच करते अफसर और मातहत

और लगने लगा थाने पर अफसरों का जमावड़ा

एक तो सुबह की वारदात। ऊपर से पीड़िता और उसके घरवालों ने दोपहर करीब 3 बजे थाने में शिकायत दी। वारदात की जानकारी तुरंत फ्लैश हुई और हड़बड़ाए अफसरों का जमावड़ा सीबीगंज थाने में लगने लगा। करीब साढ़े 4 बजे सीओ थाने पहुंचीं। पौने 5 बजे एसपी सिटी समीर सौरभ भी थाने पहुंच गए। उनके बाद एसएसपी आरके भारद्वाज साढ़े 5 बजे थाने में गए और वारदात के बारे में जानकारी ली।

घटनास्थल पर सबूतों की तलाश

घटनास्थल पहुंचने में देरी

शाम करीब 6 बजे अफसरों ने घटनास्थल का रुख किया। एक तो 8 घंटे बाद वारदात की जानकारी पुलिस को मिली, उस पर तीन घंटे मौका-ए-वारदात पर जाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। 6 बजे एसएसपी घटनास्थल पर पहुंचे। उनके बाद करीब 7 बजे डीआईजी आशुतोष कुमार और 7 बजकर 20 मिनट के आसपास आईजी विजय सिंह मीणा मौके पर गए।

वारदात के बारे में चर्चा करते अफसर

घटनास्थल को खंगाला

पुलिस अफसरों के साथ मातहतों और कॉन्सटेबलों की टीम भी घटनास्थल पर सबूत खंगालती रही। वहां से टीचर के पास रहे कुछ कागजात बरामद किए गए। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के अफसर सभी कदम उठाने की बात कह रहे हैं। रात को ही सीबीगंज एसओ को सस्पेंड भी कर दिया गया, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि जब बुलंदशहर में गैंगरेप की वारदात हुई और वहां बदमाशों ने हाइवे पर ही ऐसा किया तो फिर बरेली की पुलिस हाइवे पेट्रोलिंग करने में क्यों चूक गई।

घटना के वक्त लापता पुलिस बाद में बड़ी तादाद में नजर आई

अफसरों ने हर झाड़ी में जाकर बदमाशों से जुड़े सबूत तलाशे

मौके पर पुलिस के हर आला अफसर की गाड़ियां दिखने लगीं

अफसरों ने मातहतों से बदमाशों को पकड़ने की रणनीति पर भी चर्चा की

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