बेनी बाबू का जाना देश के लिए अपूर्णीय क्षति- सपा प्रदेश अध्यक्ष

सपा के गद्दावर नेता बेनी वर्मा के अन्तिम दर्शन के लिए पधारे सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बेनी बाबू के निधन को देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया।

Update: 2020-03-28 06:56 GMT

बाराबंकी: सपा के गद्दावर नेता बेनी वर्मा का कल लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर आज बाराबंकी पहुँचा जरूर और लोग उनके अन्तिम दर्शनों के लिए आतुर भी थे मगर जिला प्रशासन ने वर्तमान परिस्थितियों को देख कर लोगों से अपने घरों में रहकर ही बेनी बाबू की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करने की अपील की। जिसका असर देखने को भी मिला और जहाँ अन्तिम दर्शनों के लिए सड़कें जाम हो जानी चाहिए थी वहाँ लोगों का आना तो रहा मगर भीड़ इकट्ठा नही हो पाई।

प्रशासन ने की लोगों से घरों में रहने की अपील

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बाराबंकी का कम्पनी बाग इलाका जो स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की वजह से जाना जाता था और जिस कमरे में बैठकर बेनी बाबू लोगों की समस्याओं को सुनते थे। आज उस कमरे में उनका पार्थिव शरीर रखा हुआ था। बेनी बाबू के शान्त हुए शरीर को रखा तो गया था अन्तिम दर्शनों के लिए मगर जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान परिस्थियों को देखकर लोगों से भीड़ न जुटाने और अपने घर पर ही रहकर उनके लिए प्रार्थना करने की अपील की।

आज दोपहर 12 बजे होगा अंतिम संस्कार

प्रशासन की अपील के चलते जहाँ सड़कें जाम हो जानी चाहिए थी वहाँ भीड़ भी नहीं इकट्ठा हो पाई। और लोग अन्तिम दर्शन कर अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो गए। अब 12 बजे के बाद उनका अन्तिम संस्कार किया जाना है।

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बेनी बाबू के अन्तिम दर्शनों के लिए जहाँ बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह , पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविंद चतुर्वेदी पहुँचे तो वहीं कई नामी समाजवादी नेताओ के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी पहुंचे। इस दौरान नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि बेनी बाबू गरीबो , किसानों और मजदूरों के नेता थे और सबके लिए काम करते थे।

देश के लिए पूर्णीय क्षति

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सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा बेनी बाबू का जाना देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति के समान है जिसकी भरपाई हो पाना कठिन है। यहाँ आना तो बहुत लोग चाहते थे मगर वर्तमान परिस्थितियों को देख कर लोगों को रोका गया है। बेनी बाबू आम आदमी की आवाज जहाँ पार्टी में उठाते थे। वहीं सरकार से भी उनके लिए दो-दो हाथ करते थे। वह पार्टी के नेताओं से यही चाहते है कि वह भी बेनी बाबू की तरह लोगों के नेता बने।

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