आतंकी साजिश या कोई शरारती शख्स, आखिर किसने गायब की पटरी से 77 फिश प्लेट

Update:2017-12-03 15:42 IST
आतंकी साजिश या कोई शरारती शख्स, आखिर किसने गायब की पटरी से 77 फिश प्लेट

लखनऊ: यूपी की राजधानी ही आम लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। दिन के उजाले में हाथ साफ करने वाले रात में क्या-क्या करने की हिम्मत रखते हैं, ये देखने को मिला है। ताजा मामला लखनऊ के एनईआर रेलवे स्टेशन के डालीगंज और बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के बीच का है। इन दोनों स्टेशनों के बीच की 77 फिश प्लेट गायब मिली है।

घटना रविवार तड़के भोर की है। रेलवे स्टॉफ की सूझबूझ से पटरी से छेड़खानी करने का मामला समय रहते पता चल गया और एक बड़ा हादसा होने से बच गया। लेकिन 77 फिश प्लेट गायब की खबर ने अपने पीछे एक सवाल छोड़ दिया है कि क्या यह कोई आतंकी साजिश थी या कोई शरारती लोगों की नासमझी? अगर यह आतंकी साजिश है तो इसका मतलब नवाबों का शहर ही सुरक्षित नहीं है और या अगर ये शरारती लोगों का काम है तो यह बहुत ही निंदनीय है। अपने शौक को पूरा करने के लिए ऐसे लोग सैकड़ों यात्रियों की जान से खेलने में जरा भी नहीं हिचक रहे हैं।

यह है मामला

-पूर्वोत्तर रेलवे स्टेशन के डालीगंज और बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के बीच पटरी के बीच से 71 स्लीपर्स गायब होने से हड़कंप मच गया।

- रेल ट्रैक से 77 फिश प्लेट गायब थी।

-गश्त कर रहे रेल कर्मचारियों को जानकारी रविवार सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर हुई।

-ट्रैक से 77 फिश प्लेट गायब होने की सूचना ने रेलवे प्रशासन को हिला दिया।

-पेट्रोलमैन शिवशंकर और संजय ने तुरन्त दोनों स्टेशनों को सूचना दी,और तुरन्त ट्रेनों के आवागमन रुकवा दिया।

-प्लेट के गायब होने की जानकारी मिलने के बाद इंजीनियरिंग टीम 15 मिनट में मौके पर पहुंच गई।

-करीब 2 से 3 घंटे में ट्रैक सामान्य हो गया।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक

पूर्वोतर रेलवे के पीआरओ आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि जैसे ही हमें मामले का पता चला तो तुरंत ट्रैक की मरम्मत करने का काम चालू हो गया। गैंगमैन की सूचना पर जब इंजीनियरिंग की टीम मौके पर पहुंची, तो उसने ट्रैक के आस-पास चेक किया, तो उसे 14 प्लेट मिल गई। जिसके बाद रेल अधिकारी उस ट्रैक को ठीक करने में लगे। इसके बाद स्थिति सामान्य हुई।

कहीं नशेड़ियों का तो काम नहीं है ये

इस घटना को एक बार फिर आतंकी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं स्लीपर्स के बीच से बड़ी मात्रा में ज्वाइंट प्लेट भी गायब मिली। इन स्लीपर्स को कौन चुरा ले गया, इसकी अभी जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। रेलवे अधिकारियों का शक आसपास की बस्ती में रह रहे लोगों और नशेड़ियों पर गहरा रहा है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कारण का पता चल पाएगा।

हमेशा नकारा कहे जाने वाले कर्मचारियों ने बचाई यात्रियों की जान

इस घटना ने यह तो साफ कर दिया है कि रेलवे के कुछ कर्मचारी आज भी अपने काम को ठीक तरीके से करते हैं। उसका उदाहरण ही आज देखने को मिला है। पेट्रोलमैन शिवशंकर और संजय ने बड़ी समझदारी से चोरी को पकड़ा और तुरंत दोनों स्टेशनों पर खड़ी गाड़ियों को रोकवा दिया। इस तरह से बड़ा हादसा होने से बच गया।

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