CM योगी के शहर में बिहार चुनाव की सरगर्मी, सोशल मीडिया पर चुनावी चकल्लस
बिहार चुनाव की सरगर्मी यूपी तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में बिहार चुनाव को लेकर हलचल तेज हैं और कुशीनगर से लेकर महाराजगंज और गोरखपुर से देवरिया तक बिहार चुनाव परिणाम में लोगों की दखल दिख रही है।
गोरखपुर। बिहार चुनाव में प्रचार अपने चरम पर पहुंच चुका है। चुनाव की तपिश में बिहार ही नहीं सीमावर्ती जिले भी तप रहे हैं। सीमावर्ती जिले देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज से लेकर गोरखपुर के लोग चुनावी परिणाम से लेकर हलचलों पर पूरी दखल रख रहे हैं। जिसका अक्स सोशल मीडिया पर साफ दिख रहा है। व्यंग्यकार से लेकर कारोबारी तक अपने-अपने तरीके से बिहार चुनाव में नेताओं के उदय को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। वहीं जानकार तेजस्वी और नीतीश के बीच चल रहे रोचक जंग को लेकर भी कयासबाजी कर रहे हैं।
व्यग्यकार शैलेश त्रिपाठी उर्फ मोबाइल बाबा अपने ही अंदाज में बिहार चुनाव की समीक्षा कर रहे हैं। अपने फेसबुक वाल पर तेजस्वी की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने यूं लिखा है।
‘यदि आप मुख्यमंत्री बन गए तो आपकी प्राथमिकतायें क्या होंगी?
-देखिए सबसे पहिले तो पापा जेल में बंद हैं, बहुत सांसत है उनको, उनको कइसो बाहर निकालना है, फिर किसी तरह उनका मर मुकदमा खत्म कराना है, ओकरे बाद मॉल का काम बंद है बहुत दिन से, उसका भी लफड़ा खत्म कर के उसको बनवा के भाड़ा पर उठाना है, भाई भी बहेड़ा खान एन्ने ओन्ने घूम रहा है उसको भी कोई अच्छा मंत्रालय देना पड़ेगा, शहाबुद्दीन चा भी खाली हैं बहुत दिन से, उनको सेट करना है, दीदीयो कोई बढियां पद चाहती है, उसका भी कोई व्यवस्था करना होगा, ऊपर से दूनों मामा लोग भी बार बार मिस कॉल मार रहे हैं आजकल।
महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों के प्रबंधक पवन दूबे की प्रतिक्रिया
वहीं कई महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों के प्रबंधक पवन दूबे चुनाव में नई सनसनी तेजस्वी यादव को लेकर अपनी समीक्षा फेसबुक पर पोस्ट की है। पवन दूबे ने अपनी प्रतिक्रिया में कुछ यूं लिखा है।
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‘बिहार में तेजस्वी से ही सभी लड़ रहे हैं। भाजपा के विरोध में जहाँ भी मजबूत विकल्प है लोग जाति और धर्म से ऊपर उठ कर भाजपा के विरोध में वोट करने को आतुर है। तेजस्वी ने लालू के आवरे से बाहर सर्व समाज के नेता के रूप में और युवाओं के मुद्दों को उठाने वाले नेता के रूप के स्वयं को प्रोजेक्ट कर भाजपा और नीतीश की नींद उड़ा दी है।
लालू के मुस्लिम यादव समीकरण से स्वयं को बाहर निकाल कर सभी वर्गों के नेता के रुप मे स्वयं को स्थापित किया है तेजस्वी ने। टिकट वितरण से लेकर मीडिया मैनेजमेंट तक हर जगह मुस्लिम यादव समीकरण से स्वयं को बाहर निकाला है।
भाजपा के विरुद्ध स्वाभाविक लहर है युवाओं, किसानों और कारोबारियों में।
तेजस्वी जहाँ लोकल बिहार की बदहाली पर फ़ोकस कर रहे हैं वही मोदी सरकार द्वारा नोटबन्दी, जीएसटी, तालाबन्दी , निजीकरण, किसान बिल द्वारा युवाओं के नौकरी, छोटे कारोबारियों के व्यवसाय और किसानों के जेब पर डाका डालने के मुद्दे को उठा कर बिहार में खुद के पक्ष में एक जोरदार हवा बनाने का प्रयास किया है।
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परिणाम जो भी हो लेकिन अब तक की सबसे बड़ी चुनौती बिहार में नीतीश और भाजपा गठबंधन को मिल रही है!!
कपड़ा कारोबारी राजू लुहारूका का कमेंट
वहीं कपड़ा कारोबारी राजू लुहारूका के कमेंट ये बताते हैं कि वे चुनाव परिणामों को लेकर क्या सोचते हैं। उन्होंने लिखा है कि ‘बिहार में का बा। सब बीजेपी नेता कोरोना पॉजिटिव होत बा।’ वहीं दूसरे कमेंट में उन्होंने लालटेन का फुल फार्म बताया है। जो इस तरह है।
ला -लालू ने अपने
ल -- लाल को
टे -- टेन तक पढ़ने
न -- नहीं दिया !!
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