बीजेपी ने दी राहुल को उनकी कर्मभूमि में मात, छिन सकती है राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की जमीन
अमेठी: राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट जायस की ज़मीन के मुद्दे को गर्मा कर बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं अमेठी सांसद राहुल गांधी को उनके ही संसदीय क्षेत्र एवं कर्मभूमि में मात दी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय से स्थानीय बीजेपी नेताओं की शिकायत पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस मुद्दे को उठाती रहीं हैं। अब सफलता उनके हाथ लगी है।
दो दिन पूर्व एसडीएम तिलोई ने ट्रस्ट को जारी की गई नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि माननीय हाईकोर्ट में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर चलाने की बात ट्रस्ट द्वारा स्वीकार की गई है। लेकिन साक्ष्य अब तक नहीं दिखाया गया, इससे साफ है कि ज़मीन राज्य सरकार की है। ऐसे में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की ज़मीन जल्द ही कांग्रेस के हाथ से छिन सकती है।
15 सालों से संचालित ट्रेनिंग सेंटर, 15 लाख से ज्यादा महिलाओं का बदला जीवन
बता दें कि राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वाधान में यहां जायस में पिछले 15 सालों से वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर संचालित है, और इसमें अब तक 15 लाख से ज्यादा महिलाओं का जीवन बदल चुका है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 2014 के चुनावों में पहली बार राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट पर जायस की सरकारी जमीन इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। तब से ये मुद्दा गाहे बगाहे उठता रहा लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के इशारों पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जायस सेंटर को बंद करवाना चाहती है।
योगी सरकार आते ही शुरु हुई कार्यवाई
योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही 22 अप्रैल को राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को नोटिस भेजा गया था। तिलोई तहसील के एसडीएम अशोक शुक्ल का कहना है ये जमीन सरकारी कब्जे में होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये माना कि ट्रस्ट ये जमीन स्थानीय महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोई ऐसे कागजात मौजूद नहीं हैं जिससे ये पता चल सके कि ट्रस्ट किस अधिकार से राजीव गांधी महिला परियोजना इस जमीन का इस्तेमाल कर रही थी। इसी आधार पर वो ट्रस्ट को कई नोटिस जारी कर चुके हैं। जिसको लेकर हाल ही में ट्रस्ट ने हाईकोर्ट की शरण लिया था।
आगे की स्लाइड में जानिए क्या है इस बारे में एसडीएम का कहना
दो दिन पूर्व जारी नोटिस में एसडीएम ने ये कहा
अभी दो दिन पूर्व एसडीएम श्री शुक्ला ने नोटिस जारी करते हुए लिखा है के ट्रस्ट ने कोर्ट में शपथ पूर्वक ये माना है कि वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर संचालित है, फिर भी साक्ष्य नहीं दिखा पाए। एसडीएम ने ट्रस्ट के कब्जे में मौजूद उक्त ज़मीनों को सरकारी ज़मीन बताया है। एसडीएम ने कहा के दो सप्ताह का समय भी दिया गया लेकिन फिर भी ट्रस्ट साक्ष्य नहीं दिखा सका।
राजनीतिक बदले की भावना से हो रहा काम: दीपक सिंह
कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि ज़मीन लेने से ये परियोजना बंद नहीं होगी, ट्रेनिंग कहीं और होगी। लेकिन ये राजनीतिक बदले की भावना से ये काम हो रहा जो नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल जिला प्रशासन ने ट्रस्ट को उन्होंने बताया ट्रस्ट की ज़मीन मनुज कल्याण केंद्र को आवंटित की गई थी और वो पंद्रह सालों से यहां वोकेशनल ट्रेनिंग करवा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा मनुज कल्याण केंद्र को ये आवंटन क़रीब 30 साल पहले हुआ था। जो कि एक गैर लाभकारी संगठन है।