Aligarh News: छात्रों ने प्रिंसिपल पर कम मार्क्स देने का लगाया आरोप, मांग नहीं मानने पर भूख हड़ताल की दी चेतावनी

बोर्ड एग्जाम में कम मार्क्स आने के बाद छात्रों का गुस्सा फूट रहा है। उन्होंने आरोप लगाया की हमे जानबूझ कर कम मार्क्स दिए गए हैं।

Report :  Garima Singh
Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-08-09 18:29 GMT

धरने पर बैठे छात्र

Aligarh News: अलीगढ़ में एक स्कूल में टापर छात्रों को फेल किए जाने का मामला सामने आया है। जिससे नाराज होकर छात्रों में सोमवार को स्कूल के गेट के बाहर धरने पर बैठ कर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि सीबीएसई हाईस्कूल और इंटर परीक्षा परिणाम में आम छात्रों को 40% नंबर दिया गया है। जबकि अपने परिचितों के छात्रों को 80% तक अंक दिये गये। यह वाकया थाना सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित जाकिर हुसैन इंटर कॉलेज की है। जहां प्रिंसिपल और शिक्षकों पर नेपोटिज्म का आरोप छात्रों ने लगाया है।


कम मार्क्स को लेकर स्कूल गेट के पास धरने पर बैठे छात्र

छात्रों ने बताया कि उनके नौवीं कक्षा में 80 से 90 प्रतिशत अंक हासिल किया। लेकिन वही नौवीं कक्षा के टॉपर को 10 वीं में 40 प्रतिशत नंबर दिया गया। छात्रों ने स्कूल की प्रिंसिपल पर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। सीबीएससी बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल और इंटर के छात्रों को प्रमोट किया गया। लेकिन जाकिर हुसैन कॉलेज में मेरिटोरियस छात्रों को बहुत कम अंक दिये गये।

मांगे नहीं मानी गई तो भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे

इस मामले में कॉलेज की प्रिंसिपल बात करने को तैयार नहीं है और कोर्ट में जाने के लिए छात्रों को कह रही हैं। छात्रों ने बताया कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे। बिहार के रहने वाले छात्र नजमुल हुदा ने बताया कि नौवीं क्लास में टॉप किया था। 10th के प्री बोर्ड और छमाही एक्जाम में मार्क्स बहुत अच्छे आए थे और सीबीएसई बोर्ड में 54 परसेंट नम्बर दिया गया है। जबकि 90% से ऊपर अंक आने चाहिए थे।

छात्र नजमुल ने बताया कि मुझे आईआईटी में एडमिशन लेना था। ग्यारहवीं का आधा सिलेबस पढ़ लिया था और 10 दिन में फिर मुझे हाई स्कूल इंप्रूवमेंट के लिए परीक्षा की कैसे तैयारी कर लूंगा ? उसने बताया कि डिस्प्यूट सेटेलमेंट के माध्यम से 20% अंक ही बढ़ पाएगा। छात्र नजमुल ने बताया कि प्री-एग्जाम और छमाही के मार्क्स नहीं दिखाये जा रहे हैं। कॉलेज की प्रिंसिपल कहती हैं कि कोर्ट का ऑर्डर लेकर आओ।

छात्र डिस्प्यूट सेटेलमेंट में जाने के लिए प्री-एग्जाम और छमाही एग्जाम के मार्क्स चाहते हैं। लेकिन स्कूल देने को तैयार नहीं है। छात्रों ने कहा कि हम एग्जाम स्कूल में दें और रिजल्ट के लिए कोर्ट के चक्कर लगाते रहे। तो भविष्य का क्या होगा ? छात्र साकिब ने बताया कि मार्क्स खराब आने की वजह से प्रोटेस्ट कर रहे हैं। साकिब ने बताया मात्र 48% अंक दिए हैं और जो फेल के लायक स्टूडेंट थे। उनको 75 से 80 परसेंट अंक दिये गये। टॉप करने वाले छात्रों को औसत मार्क्स ही दिये गये है।

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