Firozabad News: फिरोजाबाद में वायरल बुखार का कहर, अस्पताल मरीजों से भरे, गांवो में पसरा मातम
फ़िरोज़ाबाद जिले के शहर से शुरु हुए वायरल बुखार की दस्तक अब गांव गली गलियारों में पहुंच गई है। सरकारी आंकड़े 63 मौतें बताते हैं।
Firozabad News: जिले में फैले वायरल बुखार (Viral Fever) ने जनमानस का हाड़ कंपा दिया है। ऐसा कोई गांव नहीं जिसमें वायरल बुखार से आठ से दस मौतें न हुई हों। आज कल गांवों में बुरा हाल है। घरों में बिछी चारपाई या मृतक के घर मातम दिखाई देता है। महिलाओं का रुदन और दरवाजे की खामोशी स्पष्ट बता रही है, महामारी हर घर पर दस्तक दे चुकी है। शहर हो या गांव बीमारी से हर नागरिक का सुकून छिन चुका है।
फ़िरोज़ाबाद जिले के शहर से शुरु हुए वायरल बुखार की दस्तक अब गांव गली गलियारों में पहुंच गई है। सरकारी आंकड़े 63 मौतें बताते हैं। वहीं सपा राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री से ट्वीट कर फ़िरोज़ाबाद जिले में मौतो का आंकड़ा एक हजार से अधिक बताया है। वायरल बुखार से पीड़ितों से सरकारी प्राइवेट हॉस्पिटल भरे पड़े है। हॉस्पिटलों में बीमारों के लिये जगह नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन (झोलाछाप )डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल से अधिक फीस बसूल कर इलाज कर रहे हैं। नर्सिंग होम में दो से तीन हजार रुपये का बेड मिलता है। लेकिन पेड़ के नीचे सड़क किनारे चारपाई का खर्चा चार से पाँच सौ रुपये प्रतिदिन का है। एक एक परिवार में चार से पांच लोग बीमार हैं। सरकारी अस्पताल में एक एक बेड पर दो से तीन मरीज भर्ती हैं। सौ शैया युक्त हॉस्पिटल में तीन से चार सौ मरीज भर्ती हैं।
फ़िरोज़ाबाद नगर में वायरल बुखार ने दस्तक दी। कई बच्चों की मौत की सूचना पर मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव नोडल अधिकारी का जिले में बीमारी के प्रति अधिक ध्यान आकर्षित किया। नगर से बीमारी गाँव में फैली चारों तरफ हाहाकार सुनाई देने लगा। हॉस्पिटल में तीसरी लहर की तैयारी में बैठे हॉस्पिटल प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। सौ शैया युक्त बनाये हॉस्पिटल में जगह कम पड़ गयी। व्यवस्था फैल हो गयी। बेड बढ़ाये गए। मरीजों के सुलभ इलाज की व्यवस्था की गई।
आलम ये हैं कि मेडिकल कॉलेज सौ शैया क्षमता में पाँच सौ बेड लगाए गए। जिला संयुक्त चिकित्सालय शिकोहाबाद में सौ शैया में 150 बेड लगाए गए। वार्ड फुल हुए तो बेड बरामदे में लगा कर भर्ती किया गया। हॉस्पिटल में बेड क्षमता 150 है, भर्ती 200 से 250 हो रहे हैं। एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को बोतल चढ़ाई जाती है। स्टाफ आठ घंटे की बजाय बारह-बारह घंटे ड्यूटी कर रहा है क्योंकि स्टाफ की कमी है। बीमारी से मरीजों की संख्या अधिक है। जिले में महामारी ने तबाही मचा रखी है।
इस बीमारी में आपदा में अवसर की तलाश में डेंगू के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र में खुले आम लूट की गई है। सरकारी अस्पताल के आसपास प्राइवेट हॉस्पिटल के दलाल मरीजों को बरगला कर प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाते हैं, वहाँ मरीज को हलाल किया जाता है।