केजीएमयू: मंदिर तोड़े जाने पर मायावती ने साधा योगी सरकार पर निशाना, कही ये बात
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर में वाल्मीकि मंदिर तोड़े जाने को लेकर योगी सरकार पर हमलावर होते हुए घटना की जांच कराने की मांग की है।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर में वाल्मीकि मंदिर तोड़े जाने को लेकर योगी सरकार पर हमलावर होते हुए घटना की जांच कराने की मांग की है।
बसपा सुप्रीमों ने इस संबंध में गुरुवार को दो ट्वीट करके अपना विरोध जताया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि दिल्ली में प्राचीन संत रविदास मन्दिर को ध्वस्त कर दिया गया फिर कर्नाटक में सत्ताधारी भाजपा के ही दलित सांसद को मन्दिर में जाने से रोका गया और अब लखनऊ किंग जार्ज मेडिकल कालेज परिसर में बाल्मीकि मन्दिर को कल जबर्दस्ती गिरा दिया गया। ये सब शर्मनाक व अति-निन्दनीय है।
बसपा सुप्रीमों ने पार्टी की ओर से मांग करते हुए कहा है कि केन्द्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि इन सब मामलों को पूरी गंभीरता से लेते हुए इस सम्बंध में त्वरित सख्त कार्रवाई करे।
1. दिल्ली में प्राचीन संत रविदास मन्दिर को ध्वस्त कर दिया गया। फिर कर्नाटक में सत्ताधारी बीजेपी के ही दलित सांसद को मन्दिर में जाने से रोका गया और अब लखनऊ किंग जार्ज मेडिकल कालेज परिसर में बाल्मीकी मन्दिर को जबर्दस्ती कल गिरा दिया गया। ये सब शर्मनाक व अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) September 19, 2019
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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की पुराने दंत चिकित्सा विभाग की इमारत के पीछे स्थित भगवान वाल्मीकि के प्राचीन मंदिर में बीते मंगलवार रात को तोड़फोड़ से बवाल हो गया था।
बुधवार सुबह मंदिर में तोड़फोड़ की जानकारी मिलने पर वाल्मीकि समाज के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंचना शुरू हो गये।
प्राक्टर के आश्वासन के बाद भीड़ हुई शांत
इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया। मंदिर में तोड़फोड़ और लोगों के जमवाड़े व हंगामे की सूचना पर सरकारी अमले में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में चिकित्सा विश्वविद्यालय के अधिकारी, एसीएम और स्थानीय पुलिस मौंके पर पहुंची।
इस बीच वाल्मीकि समाज के लोग लगातार हंगामा करते रहें। अधिकारियों ने उन्हे बहुत समझाया लेकिन हंगामा जारी रहा। इसके बाद चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्राक्टर ने मंदिर की मरम्मत कराने के आश्वासन के बाद भीड़ शांत हुई।
इस मामले में चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओर से स्थानीय चैक थाने में अज्ञात के नाम प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है।
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