मायावती बोलीं-अल्पसंख्यक प्रेम का दिखावा न करे सपा, पहले BJP के शिकंजे से निकले बाहर

बसपा मुखिया ने कहा कि सपा और भाजपा दोनों एक-दूसरे की पूरक पार्टियां हैं। मायावती ने कहा कि सपा और भाजपा प्रदेश में अपने-अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिये हमेशा ही एक-दूसरे को मजबूत करने का काम करती रहती हैं।

Update:2016-12-18 18:29 IST

लखनऊ: सिर्फ सांकेतिक तौर पर अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि इसके लिए सपा सरकार के मुखिया को बीजेपी के शिकंजे से निकलना होगा। यह बात बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने एक बयान में कही है। मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज के कल्याण के लिये बुनियादी काम ईमानदारी से करने हो़ंगे, जो सपा ने अपने पिछले लगभग पौने पांच वर्षों के शासनकाल में अब तक नहीं किये हैं।

सपा ने दिये दंगे

-बसपा मुखिया ने कहा कि सरकार ने मुज़फ्फरनगर के भीषण दंगे सहित 400 से अधिक साम्प्रदायिक दंगों का गहरा घाव लोगों के मन मस्तिष्क पर दिये हैं।

-इस सरकार को उसी तरह याद किया जाएगा, जिस कुख्यात तौर पर भाजपा को वर्ष 1992 के अयोध्या विध्वंस के लिये और कांग्रेस को मुरादाबाद, हाशिमपुरा-मलियाना, भागलपुर, भिवण्डी आदि भीषण साम्प्रदायिक दंगों के लिये याद किया जाता है।

-मायावती ने सपा सरकार पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा है कि सरकार ने वर्ष 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे में मृतक परिवारों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने का वादा अब तक क्यों नहीं निभाया?

-उन्होंने सवाल किया कि दंगे के आरोपियों पर सपा सरकार का मेहरबान रवैया क्यों?

सपा-बीजेपी एक हैं

-बसपा मुखिया ने कहा कि सपा और बीजेपी भाजपा दोनों एक-दूसरे की पूरक पार्टियां हैं।

-मायावती ने कहा कि सपा और बीजेपी, प्रदेश में अपने-अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिये हमेशा ही एक-दूसरे को मजबूत करने का काम करती रहती हैं।

-उन्होंने कहा कि जब भी बीएसपी सत्ता में आयी है, भाजपा काफी कमज़ोर हुई है।

-उन्होंने सवाल किया कि जब भी यहां सपा सत्ता में रहती है तो भाजपा मज़बूत हो जाती है, ऐसा क्यों होता है?

-बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा सरकार के दौरान 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली और वह केन्द्र की सत्ता में पहली बार पूर्ण बहुमत से आ गयी।

-मायावती ने कहा कि इसी के एहसान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केंद्र सरकार सपा के घोर अराजक व जंगलराज की लगातार अनदेखी करती चली आ रही है।

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