लखनऊ: बीते लोकसभा चुनावों के बाद से ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कई दिग्गज नेताओं को हाथी की सवारी रास नहीं आई, तो कई को पार्टी सुप्रीमो के क्रोध का शिकार होना पड़ा। पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज भी इसके शिकार हुए तो उन्होंने 'मिशन बचाओ' के नारे के साथ बसपा से उपेक्षित और निष्कासित नेताओं को एक बैनर के नीचे इकटठा करने का मन बनाया।
इस अभियान को उन्होंने प्रतिनिधि सम्मेलन का नाम दिया। रविवार (13 अगस्त) को राजधानी के आशियाना स्थित एक क्लब में इसी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें बसपा से उपेक्षित और निष्कासित नेताओं को एक मंच पर लाने का निर्णय लिया गया।
सबसे बात की जाएगी
इंद्रजीत सरोज कहते हैं, कि 'सम्मेलन में प्रदेश के बसपा से उपेक्षित लोगों को बुलाया गया था। इसमें पूर्व एमपी और एमएलए भी शामिल थे। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि अब तक पार्टी से जिन लोगों को निकाला गया है। उनसे एक-एक कर मिला जाए और एक दल बनाकर मिशन को आगे बढ़ाया जाए।' यह पूछे जाने पर कि क्या इसमें पूर्व मंत्री नसीमुददीन सिद्दीकी और आरके चौधरी भी शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा कि सबसे बात की जाएगी।
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जिसने भी की कोशिश, निराश हुआ
बसपा छोड़ चुके आरके चौधरी ने भी इसी तरह का एक सम्मेलन कराया था। उसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शिरकत की थी। पर चौधरी की कोशिश परवान नहीं चढ़ सकी। इसी तरह नसीमुददीन सिद्दीकी सिददीकी ने मोर्चा बनाकर सभी उपेक्षित लोगों को एक जगह लाने की कोशिश की पर वह भी सफल नहीं हुए। यूपी की सियासत में पिछले दशकों में यह देखा गया है कि बसपा छोड़कर नई पार्टी की चाह रखने वाले तमाम नेता आज सियासी पटल से विलुप्त से हो गए हैं। ऐसे में बसपा नेताओं की यह कोशिश कितना रंग लाएगी। यह विवेचना का विषय हो सकता है।