बाबा साहेब अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले भिक्षु प्रज्ञानंद का निधन

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर (बीबीएयू) के खास रहे बौद्ध भिक्षु भदंता प्रज्ञानंद का गुरुवार (30 नवंबर) सुबह करीब 11 बजे को निधन हो गया।

Update: 2017-11-30 07:59 GMT
बौद्ध भिक्षु भदंता प्रज्ञानंद का निधन, KGMU के ट्रॉमा सेंटर में थे भर्ती

लखनऊ: बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले बौद्ध भिक्षु भदंता प्रज्ञानंद का गुरुवार (30 नवंबर) सुबह करीब 11 बजे को निधन हो गया। वह लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में भर्ती थे। 90 वर्षीय प्रज्ञानंद की सेहत अचानक बिगड़ने के कारण रविवार शाम को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों की टीम कर रही है देखभाल

केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि डॉक्टरों की विशेष टीम मरीज के इलाज में लगी थी। मरीज की हालत गंभीर थी। उन्हें सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने पर बीते दिनों ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया गया था, वहां से बाद में उन्हें केजीएमयू के गांधीवार्ड में शिफ्ट किया गया था। वह गांधी वार्ड के आईसीयू में भर्ती थे, उहे लंग में इंफेक्शन था और साथ मे ब्लड शुगर भी थी।

ऐसा रहा सफर

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को हिंदू धर्म की कुरीतियों का विरोध करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया था। नागपुर स्थित दीक्षाभूमि में बौद्ध भिक्षु चंद्रमणि और प्रज्ञानंद समेत सात अन्य बौद्ध भिक्षुओं ने उन्हें दीक्षा दिलायी थी। इन सभी में अब तक मात्र प्रज्ञानंद ही जीवित हैं।

मूल रूप से श्रीलंका के निवासी प्रज्ञानंद लखनऊ के रिसालदार पार्क के बुद्ध विहार में रहते हैं। बाबा साहेब ने 1948 और 1951 में लखनऊ का दौरा किया था। इसी दौरान उन्होंने प्रज्ञानंद से बौद्ध धर्म अपनाने की इच्छा भी जाहिर की थी। बाद में उन्होंने नागपुर जाकर अपनी पत्नी के साथ बौद्ध धर्म को अपना लिया था।

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