Budget 2019: निर्मला सीतारमण की इस सीक्रेट टीम ने तैयार किया बजट

देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। यह निर्मला सीतारमण का भी पहला बजट है।

Update:2019-07-05 13:45 IST

नई दिल्ली: देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी।

यह निर्मला सीतारमण का भी पहला बजट है। बजट को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस बजट से न केवल देश की अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरेगी बल्कि आम लोगों को भी राहत मिलेगी।

ये भी पढ़ें...Budget 2019 के पावन मौके पर करिए ज्ञानवर्धन, जानिए कहां से आया ये बजट शब्द

इन 6 दिग्गजों ने तैयार किया बजट

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बजट तैयार करने में मुख्य रूप से 6 दिग्गज अधिकारियों समेत वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मदद की है। आइए आपको बताएं कि इस टीम में कौन-कौन शामिल है।

ये भी पढ़ें...बजट 2019: इस साल बजट की कॉपियां 1 घंटे देरी से संसद भवन पहुंची

अनुराग ठाकुर, मोदी 2.0 में वित्त राज्यमंत्री

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से चौथी बार सांसद बने अनुराग ठाकुर को मोदी 2.0 में वित्त राज्यमंत्री बनाया गया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर ने 26 जनवरी 2011 को लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कोलकाता से श्रीनगर तक की राष्ट्रीय एकता यात्रा की थी।

वह मई 2016 से फरवरी 2017 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे। अनुराग को 2011 में सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार मिला था।

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार

बजट 2019 को लेकर इस टीम में सबसे पहला नाम मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के. सुब्रमण्यन का है। सुब्रमण्यन ने अमेरिका के शिकागो यूनिवर्सिटी से फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स से पीएचडी की है।

सुब्रमण्यम की गिनती दुनिया के टॉप बैंकिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और इकनॉमिक पॉलिसी एक्सपर्ट में होती है। उन्होंने 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी का भी समर्थन किया था।

वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग

वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग 1983 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। लंबे समय से वित्त मंत्रालय से जुड़े होने के कारण सुभाष गर्ग ने कई बजट देखे हैं। फिलहाल गर्ग मंत्रालय में विदेशी पूंजी बाजारों, कैपिटल मार्केट, बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस पर नजर रख रहे हैं।

गर्ग इससे पहले विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक रहे चुके हैं। अलग-अलग संस्थानों को फंडिंग देने पर फैसला लेने का अधिकार भी उनके पास है। अब देखना होगा कि वित्त सचिव व आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग अर्थव्यस्था की चुनौतियों से कैसे निपटेंगे।

क्योंकि आर्थिक विकास की रफ्तार सुस्त है, खपत घट रही है, निजी निवेश कम हो रहा है। इन चुनौतियों से उबरने के लिए ऐसे कदम उठाने होंगे, जिनसे राजकोषीय मजबूती के रोडमैप पर कोई असर न पड़े। ऐसे में उनका अनुभव काफी काम आएगा।

अजय भूषण पांडेय, राजस्व सचिव

1984 बैच के आईएएस अधिकारी अजय भूषण पांडेय फिलहाल वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हैं। इससे पहले वो आधार जारी करने वाली संस्था यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के 2010 से लेकर के नवंबर 2018 तक सीईओ रहे थे।

भूषण की जीएसटी पर तगड़ी पकड़ मानी जाती है। अब वह बजट टीम का प्रमुख हिस्सा हैं। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे की कोशिश होगी कि राजस्व के मोर्चे पर भी कमाल दिखा सकें। देखना होगा कि क्या वह टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी पर निर्भरता का दायरा बढ़ा सकते हैं।

सुस्त होती अर्थव्यवस्था में बढ़ते सरकारी खर्चों के चलते राजस्व चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में खर्च बढ़ाना उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण काम होगा।

गिरीश चंद्र मुर्मू, व्यय सचिव

व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू (जीसी मुर्मू) गुजरात कैडर के IAS अधिकारी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास माने जाते हैं। वो पीएमओ और गृह मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं। इससे पहले वित्तीय सेवा और राजस्व विभागों में भी मुर्मू अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

उन्हें योजनाओं को लागू कराने की अपनी खूबियों के लिए जाना जाता है। उनकी जिम्मेदारी होगी कि प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं के खर्च में कटौती किए बिना खर्चों को कम रखा जा सके।

राजीव कुमार, वित्तीय सेवा सचिव

राजीव कुमार फिलहाल वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा सचिव हैं। राजीव कुमार ने मोदी सरकार के कुछ प्रमुख एजेंडों को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाई है। इससे पहले बिहार, झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के कई अहम मंत्रालयों व विभागों में कार्यरत रहे हैं, उन्हें 33 सालों का अनुभव है।

वह सरकारी बैंकों में सुधार को जारी रख सकते हैं। उनकी नजर बीमा कंपनियों के विलय पर भी है। वित्तीय सेवा सचिव बनने से पहले वो व्यय विभाग में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। इनमें सरकारी बैंकों का विलय और भारी-भरकम बैड लोन पर अंकुश लगाना शामिल है।

अतानु चक्रवर्ती, विनिवेश (दीपम) विभाग सचिव

निवेश व सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के सचिव अतानु चक्रवर्ती 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। अतानु ने पिछले साल विनिवेश के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कुछ बेहद नए आइडिया दिए।

वह पेट्रोलियम मंत्रालय के हाईड्रोकार्बन विभाग के महानिदेशक थे। साथ ही गुजरात सरकार की गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर भी रह चुके हैं। उन्होंने बिजनेस फाइनेंस में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है।

Tags:    

Similar News