Wedding Season: चार मंत्र पढ़ने का दो हजार, सात फेरे कराने की लाख तक दक्षिणा तैयार

Wedding News: बंपर शादियों के चलते अचानक बढ़ी डिमांड से पुरोहितों के भी अच्छे दिन आए।

Written By :  Snigdha Singh
Update:2024-11-07 23:29 IST

Wedding Special 

Wedding Season: बर्रा में रहने वाली बैंक कर्मचारी युवती की शादी जनवरी में है। घरवालों ने शादी की तैयारी महीनों पहले से करनी शुरू कर दी। पुरोहित भी तय कर लिया, लेकिन अब वह शादी में खुद उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। अब पूरा परिवार नए पुरोहित की तलाश कर रहा है पर कोई मिल ही नहीं रहा है। बड़ी मुश्किल से दो-तीन पुरोहित मिले तो उनकी दक्षिणा हैरान कर रही है। चार मंत्र पढ़ने का दो हजार रुपये मांग रहे हैं। पूरी शादी कराने का 51 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक ले रहे हैं। इसी तरह माल रोड निवासी कारोबारी के बेटे की शादी फरवरी में है। पुरोहितों की दक्षिणा सुनकर सभी परेशान हो उठे। कोई भी 51 हजार रुपये से कम में आने को तैयार नहीं है।

12 नवंबर से शुरू शादी सीजन में हर तरफ बेहतर कारोबार की आस है। सबसे ज्यादा जरूरी पुरोहितों की है। इनके बगैर शादी या फिर कोई भी मांगलिक कार्य पूरा नहीं होगा। बंपर शादियों व डिमांड बढ़ने से पुरोहितों ने दक्षिणा भी बढ़ा दी है। 21 हजार रुपये वाले अब 51 हजार से नीचे सात फेरे कराने को तैयार नहीं है। मान-मनौव्वल के बाद भी कोई दक्षिणा कम करने को तैयार नहीं है।

पूरी शादी कराने पर ही दे रहे डिस्काउंट 

पुरोहित श्यामचरण तिवारी के अनुसार, इस बार बंपर शादियां हैं। पुरोहितों के सामने भी इन्हीं दिनों में आमदनी करने का अवसर है। इसलिए सभी ने अपने-अपने हिसाब से दक्षिणा भी तय कर ली है। आमतौर पर पूरी शादी मतबल सारे कार्यक्रम कराने का कम से कम 51 हजार रुपये दक्षिणा मांगी जा रही है। पूरी शादी कराने पर ही पुरोहित हजार या दो हजार का डिस्काउंट दे रहे हैं।

एक या दो कार्यक्रम का अलग है रेट 

पुरोहित सुनील बाजपेई के अनुसार अगर कोई बरीक्षा, तिलक, गोदभराई या जैसे कार्यक्रमों का अलग-अलग रेट है। एक कार्यक्रम कराने पर कम से कम 5100 या 11 हजार रुपये बतौर दक्षिणा मांग रहे हैं। वहीं दो कार्यक्रम कराने का 21 हजार पुरोहितों ने रेट तय कर रखा है।

दो-तीन शादियां कराने के लिए बनाई मंडली 

बंपर शादियों के सीजन में ज्यादा से ज्यादा कमाई पर जोर है। ऐसे में कई पुरोहित ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक दिन में एक नहीं बल्कि दो से तीन शादियां कराने का भी जिम्मा लिया है। इसके लिए बकायदा पुरोहितों की मंडली भी बना ली है। एक मंडली में चार से पांच पुरोहित रखे गए हैं।

डिमांड के बीच कमीशन का भी खूब खेल 

शहर के वीआईपी इलाकों में पुरोहितों की कमी सबसे ज्यादा है। ऐसे में पुराने इलाकों से पुरोहित तय किए जा रहे हैं। घंटाघर, हालसी रोड, नयागंज, पटकापुर, हटिया समेत पुराने मंदिरों से जुड़े लोग पुरोहित उपलब्ध कराने पर कमीशन तक ले रहे हैं। यह कमीशन दोनों तरफ यानी शादी कराने वाले पुरोहित और संबंधित पक्ष से भी लिया जा रहा है। इसके लिए 20 फीसदी तक कमीशन रखा गया है।

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