UP: ऐसे में कैसे सुधरे कानून-व्यवस्था! BJP नेताओं को जेल भेजने वाली महिला अफसर का तबादला
लखनऊ: एक तरफ आज (02 जुलाई) वाराणसी में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली, उन्होंने कहा, 'जब अफसरों को पूरी छूट है तो वह कार्रवाई क्यों नहीं करते।' वहीं, दूसरी तरफ, बुलंदशहर में तैनात डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला कर दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि श्रेष्ठा को बीजेपी नेता को सबक सिखाने की सजा मिली है।
बता दें कि बुलंदशहर में तैनात महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का शनिवार को बहराइच तबादला कर दिया गया। ठाकुर ने स्थानीय बीजेपी नेता सहित पांच लोगों को पुलिस कार्रवाई में दखल देने और पुलिस अधिकारी से बदतमीजी करने के आरोप में जेल भेज दिया था।
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सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था वीडियो
हालांकि, यूपी सरकार की तरफ से ये दलील दी जा सकती है कि प्रदेश के 244 पुलिस उपाधीक्षकों (सीओ) का तबादला किया गया है, श्रेष्ठा उन्हीं में से एक है। लेकिन जानकार मानते हैं कि हाल ही में ट्रैफिक नियम तोड़ने के मसले पर स्थानीय बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जमकर क्लास लगाई थी जिसके कारण उनका तबादला किया गया है। बता दें, कि इस महिला अधिकारी का वह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
सीएम के खिलाफ अभद्र भाषा इस्तेमाल का आरोप
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, बुलंदशहर से बीजेपी अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने बताया, कि 'ठाकुर पर सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज कराया गया है।'
क्या था मामला?
गौरतलब है कि श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर में बतौर सीओ तैनात थीं। कुछ दिन पहले यहीं के स्याना कस्बे में बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य के पति प्रमोद लोधी का ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान किया गया था। चालान काटे जाने से नाराज प्रमोद पुलिस से उलझ गए। हाथापाई तक की नौबत आ गई। जिसके बाद पुलिस ने बाइक सीज कर प्रमोद को गिरफ्तार कर लिया था। इसी बात को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने श्रेष्ठा ठाकुर के साथ बदसलूकी की। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।