Bulandshahr News: 12 सदस्यीय रैट माइनर्स के दल ने की खुदाई, तब बची 41 की जिंदगियां

Bulandshahr News: बुलंदशहर के रैट माइनर देवेंद्र ने सुरंग से बाहर निकलने के बाद न्यूज़ ट्रैक को फोन पर बताया कि 26 नवंबर को 12 सदस्यीय रैट माइनर्स के दल ने खुदाई का काम शुरू किया और 18 मीटर सुरंग की खुदाई कर सभी 41 लोगो को रेस्क्यू टीम के साथ मिलकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

Report :  Sandeep Tayal
Update: 2023-11-29 10:29 GMT

Bulandshahr News (Pic:Newstrack)

Bulandshahr News: उत्तरकाशी में 17 दिन तक चले "उत्तराखंड टनल ऑपरेशन" में बुलंदशहर और दिल्ली के रैट माइनर्स ने 41 जिंदगियों को बचाने का काम किया है, जिसमे 5 रैट माइनर्स बुलंदशहर के है, बुलंदशहर के रैट माइनर देवेंद्र ने सुरंग से बाहर निकलने के बाद न्यूज़ ट्रैक को फोन पर बताया कि 26 नवंबर को 12 सदस्यीय रैट माइनर्स के दल ने खुदाई का काम शुरू किया और 18 मीटर सुरंग की खुदाई कर सभी 41 लोगो को रेस्क्यू टीम के साथ मिलकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

रैट माइनर्स ने जिंदगी दांव पर लगा 3 दिन में 18 मीटर की खुदाई

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में दीपावली के दिन अंधेरी सुरंग में फसे मजदूरों को निकलने के लिए एनडीआरएफ, सेना के जवान सहित अनेक एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी थी, यही नहीं अत्यधिक आगर मशीन का भी प्रयोग किया गया, लेकिन जब मजदूरों तक रेस्क्यू टीमें 25 नवंबर तक नही पहुंच सकी तो रैट माइनर्स को बुलाया गया। बुलंदशहर के रैट माइनर देवेंद्र ने बताया कि उत्तराखंड सरकार और रेस्क्यू टीम ने बुलंदशहर के गांव अख्तियारपुर निवासी रैट माइनर्स देवेंद्र व मोनू पुत्र गण चरण सिंह, अंकुर पुत्र मनवीर, जतिन और सौरभ पुत्रगण धर्मवीर को उत्तर कांशी बुलाया, जहां 6 रैट माइनर्स यूपी के और 6 रैट माइनर्स दिल्ली के थे, 12 सदस्यीय रैट माइनर्स का दल 26 नवंबर को सुरंग में प्रवेश कर गया और 12 रैट माइनर्स की टीम ने 3 दिन तक अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर खुदाई की, 18 मीटर खुदाई करने के बाद अंधेरी टनल में फंसे 41 मजदूरों तक पहुंच सके और फिर रेस्क्यू टीमों ने एक एक करके टनल में फंसे सभी लोगो को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। रैट माइनर्स का दल सुरक्षित है और सभी को एक कैंप में ठहराया गया है।

जानिए कैसे होती है रैट माइनिंग

उत्तराखंड की अंधेरी टनल में रैट माइनिंग करने गए बुलंदशहर की रैट माइनर देवेंद्र ने बताया कि चूहे की तरह खुदाई करनी होती है, आगे बढ़ना भी है, कुदाल से खोदी गई मिट्टी बाहर भेजनी भी है और खुद को भी सुरक्षित रखना है, रैट माइनिंग खतरो से भरा होता है, देवेंद्र ने बताया कि पहले एक मोटा पाइप डाला जाता है, इसके अंदर रैट माइनर्स को भेजा जाता है फिर रैट माइनर्स हाथ की कुदाल से सावधानी पूर्वक अंदर ही अंदर खुदाई करते है। रेल की पटरी की तरह लाइन बिछाकर उस पर तस्ले रखकर मिट्टी बाहर खींची जाती है। साथ साथ पाइप को जैक की मदद से लगातार अंदर की तरफ बढ़ाया जाता है। 18 मीटर अंधेरी टनल की खुदाई की है।

रैट माइनर्स ने की योगी सरकार से पक्का घर बनवाने की मांग

बुलंदशहर के रैट माइनर्स देवेंद्र और उसके भाई मोनू ने फोन पर न्यूज ट्रैक को बताया कि गांव में कच्चा घर है। उन्होंने योगी सरकार से पक्का घर बनवाने की मांग की है। उत्तराखंड की अंधेरी टनल ऑपरेशन की सफलता के बाद बुलंदशहर के रैट माइनर्स ने फोन पर परिजनों से बात की। रैट माइनर देवेंद्र की मां मायावती ने बताया कि उसने अपनी कुशलता फोन पर बताई और शीघ्र ही घर लौटने की बात कही, जबकि मोनू की बहन धर्मवती ने बताया कि वह जब बुलंदशहर आएंगे तो उनका ढोल के साथ स्वागत किया जाएगा। मोनू ने बताया कि 18 मी सुरंग खोदने के बाद मजदूरों को निकाला जा सका। रेट माइनर अंकुर के चचेरे भाई मनोज गौतम ने बताया कि उत्तराखंड से 1 दिसंबर को बुलंदशहर आने को बात कही है।

अपनी जिंदगी लगा दी थी दांव पर

उत्तराखंड में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की कमांडिंग कर रही टीम की तरफ से जब बुलंदशहर के दक्ष रैट माइनर्स को बुलाने की खबर आई तो परिजन भावुक हो गए, परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि 41 जिंदगी बचाने के चक्कर में कहीं उनके बेटे की जिंदगी न चली जाए। लेकिन फिर भी 41 जिंदगियां बचाने के लिए अख्तियारपुर गांव के तीन परिवारों ने अपने पांच लालों को उत्तराखंड भेज दिया और अब ऑपरेशन टनल की सफलता के बाद परिवारों में खुशी का माहौल है।

9 साल पहले शुरू की थी रैट माइनिंग

बुलंदशहर के रैट माइनर देवेंद्र ने फोन पर बताया कि वह पिछले 9 साल से रैट माइनिंग का काम कर रहा है। उसने रैट माइनिंग का काम अपने गुरु मुन्ना से सीखा था। मुन्ना ने गांव के कई युवकों को रैट माइनिंग सिखाई थी और सभी माइनिंग में दक्ष है। पूर्व में भी कई स्थानों पर रैट माइनिंग का कार्य कर सफलता प्राप्त कर चुके है।

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