Umesh Pal Murder Case: बम मारकर अपने दुश्मन को ठिकाने लगाने वाला गुड्डू मुस्लिम, बुलडोजर कार्रवाई का अगला टारगेट
Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज विकास प्राधिकरण के निशाने पर अब कुख्यात अपराधी और उमेश पाल हत्याकांड के दौरान बमों की बरसात करने वाला गुड्डू मुस्लिम है।
Umesh Pal Murder Case: बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के एकमात्र मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का मामला गरमाया हुआ है। घटना के इतने दिन होने के बावजूद पुलिस और एसटीएफ के हाथ एक भी शूटर नहीं लग पाया है, जो उस दिन फिल्मी स्टाइल पर गोलियों और बमों की बरसात कर रहा था। सीसीटीवी कैमरे में तस्वीर आने के बावजूद पुलिस अभी तक उन्हें खोज नहीं पाई है। पुलिस –प्रशासन ने उनपर दवाब बनाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के निशाने पर अब कुख्यात अपराधी और उमेश पाल हत्याकांड के दौरान बमों की बरसात करने वाला गुड्डू मुस्लिम है। जानकारी के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद के इस खास गुर्गे के घर को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही बुलडोजर चला उसे जमींदोज किया जाएगा। जब से सीसीटीवी में उसकी तस्वीर कैद हुई है, तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बमबाज गुड्डू छाया हुआ है। तो आइए एक नजर उसकी आपराधिक दुनिया पर डालते हैं।
कौन है गुड्डू मुस्लिम ?
प्रयागराज का रहने वाला गुड्डू मुस्लिम जरायम की दुनिया का वह अपराधी है, जिसने यूपी के तमाम बाहुबलियों और माफियाओं के साथ काम किया है। बम बनाने में महारत रखने वाला गुड्डू इसी के जरिए अक्सर अपने दुश्मनों को निपटाते रहता है और लोगों में खौफ भी कायम रखता है। बताया जाता है कि स्कूली दिनों से ही उसने क्राइम का रास्ता पकड़ लिया था। लूट और रंगदारी वसूलने जैसे मामलों को अंजाम देने लगा था। परिवार उसकी हरकतों से तंग आकर, उसे लखनऊ पढ़ाई के लिए भेज दिया।
1990 के दशक में गुड्डू का लखनऊ जाना उसके जीवन के लिए काफी अहम साबित हुआ। क्योंकि ये वहीं दौर था, जब यूपी के चर्चित माफिया और बाहुबली उभर रहे थे। इनमें दुर्दांत अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला से लेकर बाहुबली नेता धनंजय सिंह और अभय सिंह शामिल हैं। हिस्ट्रीशीटर श्रीप्रकाश शुक्ला को तो गुड्डू अपना गुरू मानता था। उसके सानिध्य में रहते हुए उसने रियल एस्टेट में खूब पैसा कमाया। फिर शुक्ला के एनकाउंटर के बाद वह गोरखपुर के माफिया और आईएसआई एजेंट परवेज टाडा के लिए काम करने लगा।
परवेज टांडा जाली नोटों का तस्कर था और बताया जाता है कि शुरूआत में उसी ने गुड्डू को श्रीप्रकाश से मिलवाया था। परवेज के कहने पर गुड्डू ने यूपी से लेकर बिहार में जमकर आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। इस दौरान उसने हत्या, लूट, अपहरण और बमबारी जैसे वारदातों को अंजाम दिया करता था। उसकी पहचान बिहार के कुछ माफियाओं और बाहुबलियों से भी अच्छी हो गई थी। साल 2009 में परवेज टाडा के एनकाउंटर के बाद वो माफिया डॉन अतीक अहमद का भरोसेमंद हो गया। बताया जाता है कि साल 2001 में अतीक ने ही उसकी जमानत करवाई थी, तब से वो अतीक अहमद के काफी गरीब हो गया था। बाद के दिनों में गुड्डू का कद अतीक के गैंग में इतना बढ़ गया कि उसे इस गैंग का तुरूप का इक्का माने जाने लगा था।
चर्चित हत्याकांडों में आया नाम
गुड्डू मुस्लिम का नाम पहली बार तब सामने आया, जब उसने 7 मार्च 1997 को लखनऊ में एक स्पोर्टस टीचर की हत्या कर दी थी। लखनऊ के लॉ मार्टिनियर कॉलेज में बॉयज हॉस्टल के वॉर्डन और स्पोर्टस टीचर पीटर गोम्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में गुड्डू के अलावा धनंजय सिंह और राजा भार्गव को भी आरोपी बनाया गया। लेकिन कोर्ट में पुलिस तीनों को आरोपी साबित नहीं कर पाए और तीनों बरी हो गए।गुड्डू ने उसी साल फैजाबाद के ठेकेदार संतोष सिंह की हत्या बाहुबली धनंजय सिंह के कहने पर की थी। संतोष किसी जमाने में धनंजय सिंह के दोस्त रहे एक अन्य बाहुबली अभय सिंह का करीबी था। बताया जाता है कि इसी हत्याकांड के बाद धनंजय और अभय के बीच खटपट हो गई थी। गुड्डू चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में भी अभियुक्त है।