Bundelkhand Expressway: 15000 करोड़ की लागत से बना है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, जानें पूरी डिटेल
Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की शुरूआत होने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से बुंदेलखंड की दूरी घटकर 5 से 6 घंटे के बीच रह जाएगी।
Bundelkhand Expressway: किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सबसे आवश्यक शर्त होती है कनेक्टिविटी (Connectivity)। अगर कनेक्टिविटी शानदार हो तो मरूभूमि में भी विकास की गंगा बहने में देर नहीं लगती है। दुबई (Dubai) जैसा शहर इसका उदाहरण हैं। भारत में भी एक ऐसा क्षेत्र है, जो अपने पिछड़ेपन का दंश लंबे समय से झेल रहा है। हालात ये है कि यहां पैदा होने वाला शख्स होश संभालते ही यहां से पलायन की तैयारी शुरू कर देता है। हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड (Bundelkhand) के बारे में, जिसके पिछड़ेपन के बारे में अखबारों में काफी कुछ लिखा जा चुका है, नेताओं के भाषण भी हो चुके हैं। लेकिन इस क्षेत्र में विकास उनके भाषणों तक ही महदूद रह गए।
लेकिन अब इस क्षेत्र का कायाकल्प होने वाला है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) की शुरूआत होने के साथ ही इस क्षेत्र में विकास को एक नई रफ्तार मिल जाएगी। वीर योद्धाओं की ये भूमि एकबार फिर अपने समृद्ध इतिहास पर इतराती नजर आएगी। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से बुंदेलखंड की दूरी घटकर 5 से 6 घंटे के बीच रह जाएगी। इसके अलावा यूपी के अन्य बड़े शहरों से भी इसकी कनेक्टिविटी पहले के मुकाबले काफी बेहतर हो जाएगी। तो आइए योगी सरकार के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की खूबियों पर एक नजर डालते हैं –
रिकॉर्ड समय में काम किया गया पूरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई 2022 को उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह जालौन जिले के उरई तहसील के कैथरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2020 को इसका शिलान्यास चित्रकूट जिले के भरतकूप में किया था। 36 माह में इस परियोजना को पूरा होना था, लेकिन 8 माह पूर्व ही इसका निर्माण कार्य पूरा कर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने दिखा दिया कि अब वो एक्सप्रेस वे बनाने के मामले में पारंगत हो गया है। इससे सरकार को 1132 करोड़ रूपये का बचत हुआ, जिसे अन्य विकास एवं जन कल्याणकारी कार्यों में खर्च किया जा सकता है।
बुंदेलखंड एक्सप्रसे वे से जुड़ी अहम बातें-
- बुंदेलखंड एक्सप्रसे वे यूपी के सात जिलों से गुजरेगा। यह चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ओरैया और इटावा से गुजरेगा।
- यह एक ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस वे है जो चित्रकूट जिले में भरतकूप के गोंडा गांव से शुरू होकर इटावा जिले के कुदरैल गांव के पास आगरा – लखनऊ एक्सप्रेस वे के साथ मिल जाता है।
- 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे में चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर, छह टोल प्लाजा और 7 रैंप प्लाजा हैं।
- एक्सप्रसे वे अभी चार लेन का है, भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है। इस एक्सप्रसे वे पर छह जगहों पर पेट्रोल पंप होंगे।
- बुंदेलखंड एक्सप्रसे वे बागेन, केन, श्यामा, चन्दावल, बिरमा, यमुना, बेतवां और सेंगर नदियों के ऊपर से गुजरेगा।
- चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर तय करने में अभी 9 से 10 घंटे का समय लगता था। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद वाहनों को अब केवल 5 से 6 घंटे ही लगेंगे।
- एक्सप्रेस वे के बनने से अब दिल्ली और लखनऊ सीधे बुंदेलखंड के इलाकों से कनेक्ट हो जाएंगे।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे प्रदेश का पांचवा एक्सप्रेस होगा।
- एक्सप्रेस वे के साथ – साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यहां कई इंडस्ट्रियल ईकाईयों की स्थापना होगी, जिससे इलाके में हो रहे पलायन की रफ्तार पर ब्रेक लगेगा।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पीएम मोदी की एक अन्य महत्वाकांक्षी परियोजना डिफेंस कॉरिडोर के लिए भी काफी मददगार साबित होगी।