Hamirpur News: जर्जर सड़कों ने गड्ढा मुक्त अभियान की खोली पोल, बारिश में सड़कें बन रही हैं टापू

Hamirpur News: हमीरपुर जिले में सरीला क्षेत्र में गड्ढा मुक्त अभियान की खुली पोल।

Report :  Ravindra Singh
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-08-01 05:15 GMT

जर्जर सड़क बारिश के पानी में डूबी हुई (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Hamirpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर (Hamirpur) जिले में सरीला क्षेत्र में गड्ढा मुक्त अभियान की खुली पोल। सूबे में भाजपा सरकार के सत्ता में आने से लोगों को काफी उम्मीदें बंधी थी कि सड़कों की हालत ठीक हो जाएगी। योगी सरकार ने भी सड़कों को छह माह के अंदर गड्ढा मुक्त करने का दावा किया था। लेकिन सरकार का यह बड़ा दावा महज कागजों तक सीमित रहा है।

अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई। इस बीच रही सही कसर बारिश ने सड़कों की सूरत बिगाड़ कर पूरी कर दी। सरीला क्षेत्र की जर्जर ग्रामीण सड़कें गांव के विकास की पोल खोल रही है। यहां चंडौत,बसरिया,जिटकिरी,जमौड़ी, बौखर गांवो की मुख्य सड़के जर्जर हो चुकी है।

सड़क की हालत हुई जर्जर

पंद्रह से बीस साल पहले बनी सड़कों की मरम्मत तक नहीं हुई

पंद्रह-बीस साल पहले की बनी कई सड़कों की आज तक मरम्मत भी नहीं हुई है। झबरा स्टैंड से नई बस्ती, जिटकिरी, जमौड़ी डांडा लगभग सात किमी तक की ग्रामीण सड़क अपनी जर्जर हालात पर आंसू बहाने को विवश है। यहां तो हल्की बारिश में भी चलना मुश्किल हो जाता है। सड़कों में गड्ढे या गड्ढों में सड़क, कहना मुश्किल वहीं जिटकिरी गांव निवासी भगवानदास तथा नंदराम कहते हैं जिटकिरी, जमौड़ी गांव की मुख्य सड़कों की हालत इतनी खराब है की पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।



सड़कों पर जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं

बरसात के समय सड़क में बने गढ्ढे पानी से लपालप भर जाते हैं गढ्ढों की चपेट में आकर बाइक सवार अक्सर चोटिल होते हैं। साथ ही गढ्ढों में हिचकौले खाते हुए वाहन चलते हैं। अगर कोई बीमार हो जाता है तो एंबुलेंस भी समय से नहीं पहुंचती। ऐसे में लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। चंडौत ग्राम पंचायत की मुख्य सड़क दलदल में तब्दील है यहां जलनिकासी का भी कोई इंतजाम न होने से बिना बारिश ही सड़कों पर कीचड़ और जलभराव नजर आता है।

हल्की बारिश में सड़के बन जाती हैं टापू

इसके अलावा जरा सी बारिश ही पूरी सड़क को टापू सा बना देती है। ज्यादा बारिश हो तो सड़कों की गंदगी घरों के भीतर तक पहुंच जाती है। हालत यह है कि आम आदमी का जीनव नारकीय हो गया है। जिटकिरी गांव निवासी मंगल, गयादीन, अल्लहादीन, विजय सिंह, दीनदयाल, गीरिशंकर राममिलन का कहना है कि ग्रामीण सड़कों की हालत सुधारने के लिए न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासनिक महकमे के अधिकारी ध्यान देते हैं। चुनाव के समय तो बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद सब हवा-हवाई हो जाता है।

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