Jhansi News : युवक धर्मपाल के बच्चे को हुई न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट बीमारी, जानें क्या है और इसे कैसे पहचाने ?

Jhansi News : धर्मपाल का बच्चा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित है और इसका उपचार जल्द होना बहुत जरूरी है ।

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Shraddha
Update:2021-07-26 09:57 IST

युवक धर्मपाल के बच्चे को हुई न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट बीमारी

Jhansi News : बस्ती जिले के बनकटी ब्लॉक के मुंडेरवा कस्बे के रहने वाले धर्मपाल पेशे से गैस चूल्हे की मरम्मत का कार्य करते हैं । लगभग 11 माह पहले उनके घर बेटे का जन्म हुआ। उनको पहले से एक बेटा और एक बेटी है। इस बार बच्चे को देखकर पूरा परिवार घबरा गया। धर्मपाल बताते हैं कि बच्चे के सिर और पीठ दोनों जगह उभार जैसा कुछ था, उन्हे नहीं पता था कि उनका बच्चा न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defect) से पीड़ित है और इसका उपचार जल्द होना बहुत जरूरी है । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने धर्मपाल को बच्चे को बस्ती जिला अस्पताल (District Hospital) ले जाने को कहा, वहां से उसे गोरखपुर (Gorakhpur) रेफर कर दिया गया।


गोरखपुर में इसका उपचार न होने पर धर्मपाल को लखनऊ दिखाने के लिए बताया गया। पैसों की व्यवस्था और बंदोवस्त करते हुए धर्मपाल को समय लग गया और तब तक कोविड भी हमारी जिंदगी में घर कर चुका था। ऐसे में एक रोज धर्मपाल ने सोचा कि जब तक उपचार नहीं हो रहा है। तब तक बच्चे के टीके ही लगवा दिये जाएं, इस संबंध में जब उन्होंने अपने क्षेत्र की एएनएम से संपर्क किया तो उसके जरिये धर्मपाल को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के बारे में पता चला।

न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट ( कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

एएनएम ने बच्चे की तस्वीर आरबीएसके टीम को भेजी और इसके उपचार की सलाह ली। आरबीएसके से संपर्क में आने के बाद धर्मपाल को मार्च 2021 में झांसी में ऑपरेशन कराने के लिए बोला गया। जब धर्मपाल यहां आए तो कोविड भी अपनी चरम पर पहुंच चुका था और सारे ऑपरेशन रोक दिए गए थे। जून में कोविड की लहर कम होने पर धर्मपाल फिर झांसी आए और एक जुलाई को उनके बच्चे की एक साथ दो सर्जरी करके जान बचाई गई।


आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर डॉ. रामबाबू के अनुसार बच्चा अब पूरी तरह ठीक है और उसको दो दिन पहले डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। डॉ. रामबाबू का कहना है कि न्यूरल ट्यूब जैसी विसंगति बच्चों के लिए बहुत खतरनाक होती है, उनकी जान और उम्र भर की दिव्यांगता का डर बना रहता है। महिलाओं में फॉलिक एसिड की कमी के चलते उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट जैसी विसंगति से जूझना पड़ता है। इस तरह की विसंगति से अपने बच्चो को बचाने के लिए महिलाएं गर्भावस्था के समय आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां जरूर लें।

न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट क्या है

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निगम ने बताया कि यह दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और रीढ़ की हड्डी की जन्मजात विकृति हैं। यह तब दिखता है जब दिमाग और रीढ़ की हड्डी में ऐसा विकार बन जाए कि यह पूर्ण रूप से बंद होने में विफल हो जाए। न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले पांच हफ्तों में ही हो जाता हैं। यह बहुत गंभीर जन्मजात रोग है। अगर सही समय पर इसका इलाज न किया गया तो बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे बच्चे का सही समय पर इलाज न हुआ और तब भी जान बच गई तो वह विभिन्न प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक दिव्यांगता का शिकार हो सकता है।

न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट कैसे पहचानें ?


  • ढूंढे सूजन (गांठ) कहा है। ज़्यादातर वह सिर या पीठ पर होगी।
  • उभार का रंग, आकार देखना चाहिए।
  • ढूंढे की सूजन से कोई स्राव/रक्तस्राव तो नहीं हो रहा।
  • देखे कि बच्चे के पैर ठीक से काम करते हैं या नहीं।
  • यह भी देखे कि उसको पखाना हो रहा है या नहीं।

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