झांसी रेल कारखाने की बदल गई तस्वीर, कबाड़ से बनाया भागीरथ पार्क, देखकर रह जाएंगे हैरान

Jhansi: एशिया का महाद्वीप का सबसे बड़ा रेलवे वैगन मरम्मत कारखाना का स्वरूप अब बदलता नजर आ रहा हैं। वर्कशाप के कर्मियों ने सालों से दबे हुए स्क्रैप से वर्कशॉप में नया भागीरथ पार्क तैयार कर लिया है।

Report :  B.K Kushwaha
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-12-24 14:32 GMT

झांसी रेल कारखाने में बनी कलाकृति।

Jhansi: एशिया का महाद्वीप (asia continent) का सबसे बड़ा रेलवे वैगन (railway wagon) मरम्मत कारखाना का स्वरूप अब बदलता नजर आ रहा हैं। वर्कशाप के कर्मियों ने सालों से दबे हुए स्क्रैप से वर्कशॉप में नया भागीरथ पार्क (New Bhagirath Park) तैयार कर लिया है। कुछ साल पहले वर्कशॉप के अंदर हुए अग्निकांड से वर्कशॉप रेलकर्मी भागीरथ की जान चली गई थी। इसी के याद में यह पार्क तैयार किया जा रहा है। इस पार्क की वर्कशॉप के कर्मियों ने काफी प्रशंसा की है। यही नहीं, सालों से जमीन में दबे स्क्रैप को निकालकर उससे 3.50 करोड़ रुपये की राजस्व अर्जित हुआ है।


भारतीय रेल के लिए सर्वाधिक वैगनों का उत्पादन करने वाला झांसी वैगन मरम्मत कारखाना 25 नवंबर को अपने स्थापना के 125 साल पूरे कर रहा है। यह कारखाना एशिया महाद्वीप (asia continent) का सबसे बड़ा कारखाना है। वर्तमान में कारखाने में साढ़े चार हजार कर्मचारी कार्यरत है। कर्मचारी वैगन मरम्मत के अलावा कारखाने को सुंदर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। दर्जनों स्वैछिक रेल कर्मचारी अपना श्रमदान भी दे रहे हैं।


वर्कशॉप में यह हैं आकर्षण केंद्र

कारखाने के स्क्रैप को साफ कर ग्रीन पैच एवं पार्क का निर्माण करवाया गया है, जिसमें बतख, खरगोश, कबूतर इत्यादि पाले गए हैं जो कारखाने का आकर्षण केंद्र बने हुए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के लिए कार्य करने हेतु अच्छा माहौल बनाना है।

कंडम आइटम से इस प्रकार के बनाए गए हैं मॉडल

रेलवे वर्कशॉप (Railway Workshop) में कंडम आइटम तथा मटेरियल के ऑप कट से स्क्रिप निकलता है, उससे तमाम तरह के मॉडल बनवाए जा रहे हैं। जैसे, इंडिया गेट, गेट वे ऑफ इंडिया, शहीद स्तंभ, सरदार वल्लभ भाई पटेल का मॉडल, महात्मा गांधी कट मॉडल, कुटी शामिल है। इसके अलावा ताजमहल भी बवनाया जा रहा हैं जो निर्माणधीन है।


भागीरथ पार्क में स्थापित किए जा रहे हैं हेरिटेज आइटम

हेरिटेज धरोहर नैरो गेज, कोच, नैरो गेज वैगन, रेल बस, स्टीम रोड रोलर, डीजल शेड रोलर व आरए कोच की मरम्मत कर उनको भागीरथ पार्क में रखा गया है। बताया जा रहा है कि झाँसी डिवीजन के अन्य जगहों से कई सारे हेरिटेज आइटम को लाकर उनकी मरम्मत कराकर पार्क में स्थापित करवाया जा रहा है।

फैमिली ट्री का किया निर्माण, कर्मियों की लगाई गई फोटो

कारखाने में काम करने वाले कर्मचारियों को आपस में जोड़ने के लिए और एक पारिवारिक माहौल देने के लिए कारखाने के प्रवेश द्वार पर एक फैमिली ट्री का भी निर्माण किया गया है। इस फैमिली ट्री में यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को फोटो लगाई गई हैं, ताकि कर्मचारी कारखाने में उनकी भागीदारी का अहसास हो।


मासिक वेतन से दे रहे हैं कुछ अंश का योगदान

बताया जा रहा है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने मासिक वेतन से कुछ अंश का योगदान दिया जा रहा है। मासिक वेतन से अंशदान देकर पॉकेट यार्ड में बेकार पड़ी सात आठ हेक्टेयर भूमि में दो हजार से अधिक पौधे रोपित किए हैं। भूमिगत जल स्तर को सुधारने के लिए तीन तालाबों का निर्माण करवाया गया है।

इनका कहना है

मुख्य कारखाना प्रबंधक आर डी मौर्या (Chief Factory Manager RD Maurya) का कहना है कि कर्मचारी ना सिर्फ अपनी मासिक वेतन से अंशदान देकर इस पार्क को सुंदर बनाने में योगदान दे रहे हैं, बल्कि छुट्टी के दिन श्रमदान भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि कारखाने में कर्मचारियों के सहयोग से लगातार बेहतरी के लिए काम चल रहा है। कर्मचारियों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिल रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के कार्य के दौरान अच्छा माहौल बनाना है।

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