Jhansi News: रेलवे के निजीकरण से रेलयात्रियों की सुरक्षा खतरे में, ट्रेनों से हो रही असलहों की तस्करी
रेलवे के निजीकरण के साथ ही रेल यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होना शुरू हो गया है। ट्रेनों से असलहों की तस्करी का मामला सामने आया है। हालाँकि सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी जांच शुरू कर दिया है।
Jhansi News: रेलवे के निजीकरण (Indian Railways Privatization) से रेलयात्रियों के साथ सुरक्षा को लेकर खिलवाड़ किया जा रहा है। गांजा, अफीम, नकली नोटों, के बाद अब असलहों की तस्करी (arms smuggling) ट्रेनों से होना शुरु हो गई है। तेलगांना एक्सप्रेस (Telangana Express) के जनरल कोच में असलहों से भरे दो बैग मिलने से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। इसी दिन इटारसी रेलवे आउटर किनारे एक बैग मिला था। बैग में 12 बोर की तीन राइफल और दस जिंदा कारतूस रखे हुए थे। ऐसी संभावना हैं कि तस्करों को फोर्स की आवाजाही के चलते एक बैग को इटारसी( itarsi) आउटर के पास फेंका गया है। इस मामले में रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों (railway security agencies) ने गोपनीय तरीके से जांच करना शुरु कर दी है।
इटारसी स्थित आरपीएफ थाना न्यू यार्ड के उपनिरीक्षक गोपाल मीना एवं आरक्षक दिनेश कोशल शुक्रवार (10 सितंबर) की सुबह गश्त कर रहे थे, तभी जुझारपुर यार्ड में आउटर पर अप मेंनलाइन के बाजू में एक काला बैग लावारिस दिखाई दिया। संदेह होने पर जब पुलिस ने बैग खोला तो अंदर कम्बल में लिपटी हुई भारी चीज समझ आई। खोल कर देखने पर अंदर 3 नग और 12 बोर राइफल एवं 10 जिंदा कारतूस मिले थे। इसकी कीमत एक लाख रुपये बताई गई। सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील स्टेशन के आउटर पर इस तरह हथियार और कारतूस मिलने से रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा गया है।
पुरानी और तीनों अलग डिजाइन की हैं
तीनों 12 बोर की राइफल अलग- अलग डिजाइन की हैं और सभी पुरानी दिख रही हैं। बैग में मिले दस जिंदा कारतूस भी लेदर के दो बॉक्स में पैक थे। घायक हथियारों के इस तरह आउटर पर मिलने से खुफिया एजेंसियों के कान भी खड़े हो गए हैं। इसके पहले रास्ते आंध्रप्रदेश के वारंगल से बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय गांजी तस्करी गिरोह भी आउटर पर गांजा पैकेट पार्सल फेंकता था। बाद में इन्हें कूरियन उठा लेते थे।
तेलंगाना एक्सप्रेस के जनरल कोच में मिले थे दो बैग
हैदराबाद से चलकर हजरतनिजामुद्दीन की ओर जा रही तिलंगाना एक्सप्रेस के जनरल कोच में दो लावारिस बैग रखे हैं। बैग में कुछ सामान भी रखा हुआ है। इस सूचना पर दोनों फोर्स सक्रिय हो गई। जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर आकर खड़ी हुई, तभी टीम के सदस्य जनरल कोच में गए और सीट के नीचे रखे दोनों लावारिस बैगों को कब्जे में ले लिया। एक बैग में तीन स्माल बट सिंगल बैरल तथा दो बड़े सिंगल बैरल गन मिली। साथ में 12 बोर के 23 कारतूस जिसमें 22 कारतूस जिंदा व एक कारतूस खोखा है। सभी असलहा नंबरी है। बैग में सिक्योरिटी कंपनी के दो कार्ड मिले। कार्डों की जांच की गई। पता चला कि यह कार्ड हैदराबाद में खुली यूनिवर्सल सिक्योरिटी सर्विस के हैं। रेलवे पुलिस के मुताबिक एक कार्ड पर मोहम्मद रफीक पुत्र मुस्ताक खान निवासी बारोवी पुलिस स्टेशन धर्मशाला जिला राजौरी जम्मू एंड कश्मीर व दूसरे कार्ड पर माजिद पुत्र सैय्यद बिन मोहम्मद निवासी जमाला पोस्ट जमाला जिला राजोरी जम्मू एंड कश्मीर लिखा हुआ था। इस मामले में जीआरपी पुलिस ने नामजद अभियुक्तों के खिलाफ दफा 30 शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
हथियार तस्करी की आशंका
झाँसी और इटारसी से देश के चारों महानगरों से ट्रेनों की आवाजाही होती है। पुलिस को आशंका है कि अवैध रुप से असलहा तस्करी से मामला जुड़ा हो सकता हैं क्योंकि झाँसी में पांच असलहें मिले थे। इनमें दो के लाइसेंस थे, बाकी अवैध थे। संभवत: ट्रेन में सफर के दौरान या तो किसी डर की वजह से हथियारों का बैग फेंका गया है या फिर, डिलवरी के लिए हथियार यहां रखे गए थे। यह भी आशंका है कि आउटर से हथियार लेकर जा रहे बदमाशों ने पकड़े जाने या पिर किसी को देखकर डर की वजह से हथियार यहां फेंक होंगे।