Mahoba : सिंचाई विभाग ने मृत किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखने को दी तहरीर, किसान आक्रोशित
Mahoba : महोबा में मुर्दों के खिलाफ तहरीर मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
Mahoba : उत्तर प्रदेश के महोबा में सिंचाई विभाग का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है, जिसमें सिंचाई विभाग द्वारा मृत हो चुके तकरीबन 10 किसानों सहित डेढ़ सौ के खिलाफ मुकदमा लिखने के लिए थाने में तहरीर दी गई है। मुर्दों के खिलाफ तहरीर मिलने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया, तो वहीं पूरे मामले में तहसीलदार ने संज्ञान लेते हुए जांच की बात कही है। दूसरी तरफ मृत किसानों के खिलाफ तहरीर दिए जाने से किसान आक्रोशित हैं और इस मामले में विभाग के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठने की चेतवानी दें रहे है।
उत्तर प्रदेश की सरकार भले ही किसानों के हित में काम करने के लिए तमाम सरकारी योजनाओं का दम भरती हो, लेकिन इन योजनाओं पर अमल कराने वाली सरकारी मशीनरी किस कदर लापरवाह है यह देखने के लिए बुंदेलखंड के महोबा आना पड़ेगा। यहां पर सिंचाई विभाग द्वारा मृत हो चुके किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखे जाने के लिए थाने में तहरीर दे दी गई। सिंचाई विभाग की इस लापरवाही पर लोग अचंभित है, किसान हैरान हैं और अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।
खेती का कार्य कर अपने परिवार का करते जीवन यापन
दरअसल सदर तहसील की ग्राम पंचायत पिपरामाफ के उर्मिल बांध से जुड़ा हुआ यह मामला है। 1978 में उर्मिल बांध निर्माण के दौरान इसके क्षेत्र में आने वाली जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था। इसी ज़मीन पर ही किसान जलस्तर के कम हो जाने पर खेती का कार्य कर अपने परिवार का जीवन यापन करते चले आ रहे हैं। किसान बताते हैं कि इसी दौरान सिंचाई विभाग के सींचपाल सोहन लाल साहू ने पट्टे की प्रक्रिया के तहत अन्य लोगों को उक्त जमीनों के पट्टे कर दिए।
इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए किसानों द्वारा जिला अधिकारी से सिंचाई विभाग के सींचपाल पाल के खिलाफ शिकायती पत्र दिए गए। जिस पर डीएम ने जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए। लेकिन इसके बाद अचानक इसी सींचपाल द्वारा पिपरामाफ गांव के डेढ़ सौ से अधिक किसानों के खिलाफ सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा कर खेती करने की तहरीर दे दी गई है।
सिंचाई विभाग द्वारा किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखकर कानूनी कार्रवाई के लिए तहरीर दिए जाने से स्थानीय किसानों में हड़कंप मच गया। सिंचाई विभाग द्वारा लगभग 150 से अधिक किसानों के नाम तहरीर के साथ दिए गए हैं।
थाने में तहरीर दिए जाने की जानकारी जैसे ही किसानों की लगी उनके होश उड़ गए। तहरीर की सूची में 10 ऐसे किसान निकले जिनकी वर्षों पूर्व मृत्यु हो चुकी है। मुर्दों के खिलाफ तहरीर मिलने से पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया। किसानों के जरिये सदर तहसीलदार बालकृष्ण के पास यह मामला पहुंचा है।
किसानों के साथ पक्षपात करते हुए भ्रष्टाचार
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग द्वारा किसानों के साथ पक्षपात करते हुए भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उनके खिलाफ झूठी तहरीर दी गई है और तो और जो किसान मृत ही चुके हैं उनके खिलाफ भी मुकदमा लिखे जाने की तहरीर दी गई है।
इस बात से नाराज किसानों का कहना है यदि सिंचाई विभाग द्वारा दी गई तहरीर वापस भी ली गई और किसानों के साथ सही न्याय नहीं हुआ तो किसान आंदोलित होंगे। पिपरामाफ गांव में रहने वाले समाजसेवी और किसान जनक सिंह परिहार ने कहा कि न्याय न मिलने की दशा में गांव में ही आमरण अनशन पर किसान बैठने को मजबूर हो जायेगें।
इस पूरे मामले को लेकर सदर तहसीलदार बालकृष्ण सिंह का कहना है सिंचाई विभाग द्वारा मृत किसानों के खिलाफ तहरीर दिए जाने के मामला सामने आया है। इस मामले में सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को आदेशित किया गया है यदि विभाग द्वारा दी गई तहरीर संशोधित नही कराई गई तो मृत किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखा जायेगा। इस पूरे मामले को लेकर तहसीलदार ने जांच कराने की भी बात कही है।
ये रही किसानों की लिस्ट