गाजियाबाद RTO बोले- करते रहे इंतजार, नहीं आई बॉर्डर पर कांग्रेस की बसें

प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में चिट्ठी वार अभी पूरी तरह से थमा नहीं है। ये मामला अब धरना प्रदर्शन से लेकर एफआईआर दर्ज कराने तक पहुंच चुका है।

Update: 2020-05-20 09:42 GMT

गाजियाबाद: प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में चिट्ठी वार अभी पूरी तरह से थमा नहीं है। ये मामला अब धरना प्रदर्शन से लेकर एफआईआर दर्ज कराने तक पहुंच चुका है।

इस विवाद के बीच अब गाजियाबाद से खबर ये आ रही है कि वहां के आरटीओ ने साफ़-साफ़ कह दिया है कि कांग्रेस की तरफ से 500 बसें भेजने की बात कही गई थी।

जिसके बाद से साहिबाबाद बस डिपो और इंदिरापुरम रामलीला मैदान में इकट्ठा होनी थीं दोनों जगहों पर 3-3 शिफ्ट में परिवहन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया था, लेकिन कोई बस नहीं आई तो हटा लिया गया।

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करते रहे इंतजार नहीं आई बसें

आरटीओ का ये भी कहना है कि बसें आने के बाद पहले उनकी सफाई फिर उनकी पूरी डिटेल लिखने के बाद जिन जगहों पर प्रवासी मजदूर रुके हैं वहां भेजने की योजना थी, लेकिन बस नहीं आई तो ऐसा नहीं हो पाया।

इस आरोप –प्रत्यारोप के बीच एक बात ये भी निकलकर सामने आ रही है कि आरटीओ जहां बसों के इंतजार में व्यवस्था की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि उनकी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं लेकिन प्रशासन मंजूरी नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं, पुलिस ने लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में कई नेताओं पर एफआईआर भी दर्ज की है।

मजदूरों के लिये कांग्रेस की बसों का विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है. यूपी सरकार और कांग्रेस के बीच वार-पलटवार चल रहा है, लेकिन अब तक मजदूरों को कोई राहत नहीं मिल पाई है।

कांग्रेस दावा कर रही है कि बसें खड़ी हैं लेकिन यूपी सरकार परमिशन नहीं दे रही है। इस मसले पर गाजियाबाद के आरटीओ आर.आर सोनी ने कहा कि अभी तक एक भी बस नहीं आई है।

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