घोटाले के आरोपी को बचाने का मामला: घूस दिलाने वाले CBI इंस्पेक्टर को समर्पण का निर्देश

कोर्ट ने याची को सीबीआई कोर्ट में एक माह में समर्पण कर जमानत अर्जी देने का निर्देश देते हुए कहा है कि कोर्ट अर्जी का यथाशीघ्र निर्णीत करे। कोर्ट ने कहा है कि यदि एक माह के भीतर जमानत नहीं मिल जाती तो सीबीआई कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होगी।

Update: 2019-03-01 14:39 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की भूमि आवंटन घोटाले के आरोपियों तहसीलदार व उसके परिवार को बचाने के लिए बीस लाख रूपये घूस कांड के आरोपी सीबीआई के एएसआई सुनील दत्त को एकमाह के लिए राहत दी है।

कोर्ट ने याची को सीबीआई कोर्ट में एक माह में समर्पण कर जमानत अर्जी देने का निर्देश देते हुए कहा है कि कोर्ट अर्जी का यथाशीघ्र निर्णीत करे। कोर्ट ने कहा है कि यदि एक माह के भीतर जमानत नहीं मिल जाती तो सीबीआई कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति अजीत सिंह की खण्डपीठ ने सुनील दत्त की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश का कहना था कि दो फरवरी 18 को प्राथमिकी दर्ज करायी है जिसमंे कहा गया है कि तहसीलदार रणवीर सिंह व सीबीआई इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह राठौर को बीस लाख रूपये घूस लेते-देते रंगे हाथों पकड़ा गया और एएसआई याची फरार हो गया।

जब सीबीआई टीम उसके आवास पर छापा डाला तो परिवार वालों ने उन्हें बंधक बनाकर मारा पीटा। गेट के बाहर खड़े अधिकारी ने पुलिस को सूचना देकर सीबीआई अधिकारियों को छुड़ाया। इस घटना की भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है। याची तभी से फरार है। कोर्ट ने एक माह तक उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए याची को सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद में समपर्ण करने का निर्देश दिया है।

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