इस मामले में CBI ने अतीक अहमद सहित अन्य के खिलाफ दाखिल किया आरेापपत्र
सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेªट अनुराधा शुक्ला ने आरोप पत्र पर संज्ञान के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है। 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस बहुचर्चित हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
लखनऊ: सीबीआई ने प्रयागराज के चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। सीबीआई ने आरोप पत्र में पूर्व सपा सांसद अतीक अहमद व उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ समेत 10 अभियुक्तों को आरोपी बनाया है। इनमें अशरफ व अतीक के अलावा रंजीत पाल, आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलफुल उर्फ रफीक अहमद, गुलहसन व अब्दुल कवि को आरोपी बनाया गया हैं। अब्दुल कवि फरार चल रहा है।
यह आरोप पत्र सीबीआई ने हत्या, हत्या की साजिश व हत्या का प्रयास करने तथा आईपीसी की अन्य धाराओं में दाखिल किया है। सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेªट अनुराधा शुक्ला ने आरोप पत्र पर संज्ञान के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है। 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस बहुचर्चित हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
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उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी, 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की दिन-दहाड़े गोलीबारी में हत्या कर दी गई थी। इस गोलीबारी में देवी पाल व संदीप यादव की भी मौत हुई थी। जबकि दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धुमनगंज में इस हत्या की एफआईआर दर्ज कराते हुए अतीक व उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद आदिम को नामजद किया था।
6 अप्रैल, 2005 को पुलिस ने इस हत्याकांड मामले की विवेचना के बाद अतीक व अशरफ समेत कुल 11 अभिुयक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में सभी अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307 व 120बी के साथ ही 7 क्रिमिनल लाॅ अमेंडमेंट एक्ट में आरोपित किया गया था।
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-12 दिसंबर, 2008 को इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई।
-10 जनवरी, 2009 को सीबीसीआईडी ने पांच अभियुक्तों के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। जिसमें मुस्तकिल, मुस्लिम उर्फ गुड्डू, गुलहसन, दिनेश पासी व नफीस कालिया को आरोप बनाया गया था।
-चार अपै्रल, 2009 को सीबीसीआईडी ने अपनी दूसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें सिर्फ गुफरान को आरोपी बनाया गया था।
-24 दिसंबर, 2009 को सीबीसीआईडी ने तीसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें अब्दुल कवि को आरोपी बनाया गया था।