खनन जांच के लिए CBI टीम पहुंची UP, बचने के रास्ते तलाश रही सरकार

खनन विभाग के सूत्रों के अनुसार यदि अभियुक्त बनाया गया तो एक पूर्व निदेशक अवैध खनन मामले में सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गए हैं। इससे ​पूर्व निदेशक को गायत्री प्रसाद प्रजापति की बात नहीं मानने पर बर्खास्त कर दिया गया था। यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने खनन और विधि विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी ताकि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सके ।

Update: 2016-08-13 15:10 GMT

लखनऊ: यूपी सरकार अपने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अवैध खनन मामले में बचाने के रास्ते तलाश कर रही है। तो दूसरी ओर सीबीआई की टीम अवैध खनन मामले में सबूत और सूचना जुटाने शनिवार को कौशाम्बी पहुंच गई।

सरकार को झटका

-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 जुलाई को यूपी में अवैध खनन मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे ओर जांच एजेंसी को छह सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

-ये राज्य सरकार के लिए एक बड़ा धक्का है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद शुरूआती दो साल में खनन विभाग संभाल चुके हैं। अवैध खनन को लेकर जनता में भी नाराजगी है।

-सीबीआई की चार सदस्यीय टीम शनिवार को कौशाम्बी पहुंची। कौशाम्बी, इलाहाबाद से सटा जिला है जहां यमुना किनारे अवैध खनन होता रहा है।

परेशान सरकार

-खनन विभाग के सूत्रों के अनुसार यदि अभियुक्त बनाया गया तो एक पूर्व निदेशक अवैध खनन मामले में सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गए हैं।

-इससे पूर्व निदेशक को गायत्री प्रसाद प्रजापति की बात नहीं मानने पर बर्खास्त कर दिया गया था।

-यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने खनन और विधि विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी ताकि हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सके ।

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