Lok Sabha 2024: चंदौली में लगातार बढ़ रही भाजपा, अन्य दलों का घट रहा जनाधार, जानें आंकड़े
Lok Sabha 2024: 2014 के मुकाबले जहां बीजेपी के लगभग 95 हजार से अधिक वोट बढ़े थे। वहीं सपा-बसपा दोनों दलों को मिलाकर केवल लगभग 35000 वोटां की वृद्धि हुई थी।
Chandauli News: चंदौली संसदीय क्षेत्र में 2014 से भारतीय जनता पार्टी के वोटों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। जिससे विपक्षी दलों के वोटों में सेंध लगता दिख रहा है। 2014 के आंकड़ों को देखा जाए तो बीजेपी से पहली बार के प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे कुल 414135 वोट पाकर जीत हासिल किए थे। वहीं अनिल कुमार मौर्य 257369 वोट पाकर दूसरे स्थान पर थे, जबकि तीसरे स्थान पर उसे समय के सिटिंग सांसद रामकिशन यादव रहे ,जिन्हें 204145 वोट मिला था। अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।
इसी तरह सपा बसपा के गठबंधन के बावजूद भी 2019 के चुनाव में सिटिंग सांसद व भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे ने 2014 के मुकाबले लगभग 95000 से अधिक वोटो का छलांग लगाते हुए 510733 वोट पाए थे जबकि सपा बसपा के गठबंधन के बावजूद भी 496774 वोट पाकर गठबंधन के प्रत्याशी संजय सिंह चौहान दूसरे नंबर पर थे। अन्य दलों की जमानत जप्त हो गई थी। अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो 2014 के मुकाबले जहां बीजेपी के लगभग 95 हजार से अधिक वोट बढ़े थे। वहीं सपा-बसपा दोनों दलों को मिलाकर केवल लगभग 35000 वोटां की वृद्धि हुई थी। यही कारण है कि 2019 में भी सपा बसपा के गठबंधन के बावजूद भी चंदौली संसदीय क्षेत्र में भाजपा का कमल खिला था।
2024 के चुनाव में भी अंदेशा जताया जा रहा है कि चंदौली संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहते हुए भाजपा के सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे ने पार्टी के गद्दार नेताओं को छोड़ दिया जाए तो सबसे अधिक धन चंदौली संसदीय क्षेत्र में ला कर विकास कार्य किया है। सरकार की योजनाओं एवं विकास के पैमाने पर निश्चित ही वोटरों की संख्या में इजाफा का आकलन लगाया जा रहा है। अगर 2014 तथा 2019 के आंकड़ों को लिया जाए तो 2024 में वोटरों की और वृद्धि होगी जिससे सपा बसपा के वोट में सेंध लगाने का काम होगा। अगर आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो वर्तमान समय में भाजपा, सपा बसपा से आगे दिखाई दे रही है। 2019 में जहां सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी भाजपा से अलग थी और इस के चुनाव में एनडीए गठबंधन के साथ आने से बीजेपी के वोटो में और अधिक बढ़ोतरी होगी।
इस आधार पर चुनाव विशेषज्ञों की मानें तो भाजपा, सपा एवं बसपा से आगे चल रही है। 2014 में भाजपा, सपा, बसपा की त्रिकोणी लड़ाई के दौरान भाजपा ने अपने निकटतम बसपा के प्रत्याशी अनिल मौर्य को 156736 वोटो से पराजित किया था। इस प्रकार 2019 में सपा बसपा के गठबंधन के बावजूद 13959 वोटो से गठबंधन प्रत्याशी संजय चौहान को हराकर लगातार दूसरी बार डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने जीत हासिल की थी। कयास लगाया जा रहा है कि 2019 के चुनाव में गठबंधन होने के बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी को दोनों दल मिलकर नहीं रोक पाए तो, इस बार सपा, बसपा और भाजपा के त्रिकोणी लड़ाई में विकास पुरुष के नाम से चर्चित केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी को मात देना टेढ़ी खीर होगी।