Chandauli News: फर्जी नियुक्ति पत्र देकर की लाखों की ठगी, सात आरोपी गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज बरामद

Chandauli News: जनपद के ठगी के शिकार हुए लगभग दो दर्जन युवाओं द्वारा लिखित सूचना दी गई कि वर्ष 2021 दिसम्बर से ही SSC , N.T.P.C , एग्रीकल्चर विभाग झारखण्ड मे नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लाख रूपये आरोपी ले चुके हैं।

Report :  Ashwini Agarwal
Update: 2023-09-25 12:03 GMT

Chandauli News (Newstrack)  

Chandauli News: जनपद में अलीनगर पुलिस व साइबर क्राइम टीम ने बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को फर्जीवाड़ा करके अपने जाल में फंसाने वाले अन्तर्प्रान्तीय गिरोह का भण्डाफोड़ किया है। साइबर सेल टीम व थाना अलीनगर पुलिस ने सात अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के पास से बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्ति पत्र तथा छः एंड्राइड मोबाइल भी बरामद हुए हैं। गिरोह द्वारा अब तक उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, झारखण्ड के युवाओं को बड़ी संख्या में अपना शिकार बनाकर लाखों रुपये की ठगी कर चुके है।

सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ऐंठ रहे थे पैसा

सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से पैसे ऐंठने वाले औऱ सरकारी उपक्रमों के फर्जी नियुक्ति पत्र देने वाले अन्तर्प्रान्तीय गिरोह में पकड़े गये सात शातिर अभियुक्तों की पहचान अभिषेक पाण्डेय, ऋषि यादव, प्रमोद कुमार, सौरभ पाण्डेय, अनिकेत राघव, अमनदीप और दीपक राणा के रूप में हुई। सभी आरोपियों को अलीनगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

बेरोजगार युवाओं देते थे विभिन्न पदों के फर्जी नियुक्ति पत्र

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक चंदौली डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि जनपद के ठगी के शिकार हुए लगभग दो दर्जन युवाओं द्वारा लिखित सूचना दी गई कि वर्ष 2021 दिसम्बर से ही SSC , N.T.P.C , एग्रीकल्चर विभाग झारखण्ड मे नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लाख रूपये आरोपियों ने लिया। इन्होनें फर्जी N.T.P.C लिमिटेड का ज्वाइनिंग लेटर दिया है। मामले का संज्ञान लेकर अलीनगर थाना में मुकदमा दर्ज कर जांच की गई। जिसमें अभियुक्तगण से पूछताछ में पता चला कि अभियुक्त का एक गिरोह है जिसका मुख्य सरगना प्रमोद कुमार मण्डल है तथा अभिषेक पाण्डेय उसका सहायक हैं। ये लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड में जरूरतमन्द लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे ऐंठ लेते हैं। इसके बदले बेरोजगार युवाओं को विभिन्न विभागों के विभिन्न पदों के फर्जी नियुक्ति पत्र प्रदान करते हैं।

इन लोगों के द्वारा इस कार्य के लिये अलग अलग जगहों पर अलग-अलग पदाधिकारी नियुक्त किये जाते हैं जो जनता का विश्वास प्राप्त करते हैं तथा युवाओं को भ्रम में रखकर सरकारी नौकरी दिलाने के लिये पैसा लेते हैं। ठगी से जो पैसा प्राप्त होता है उसको प्रमोद कुमार मण्डल व अभिषेक पाण्डेय को भेजते थे। गिरोह का मुख्य सरगना प्रमोद कुमार मण्डल था। उनके नीचे सहायक के रूप ये लोग घूम-घूम कर नेटवर्किंग के माध्यम से अपने स्थानीय कर्मचारी नियुक्त करते थे। जिनके माध्यम से लोगों से धोखाधड़ी करते हुए पैसा वसूला जाता था। इन लोगों को जो भी पैसा मिलता था, उसमें प्रमोद कुमार मण्डल द्वारा हिस्सेदारी तय की जाती थी। अभियुक्तगण के अन्य आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का पुरस्कार दिया गया है।

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