Chhath Puja 2023: खरना आज, 36 घंटे का निर्जला उपवास, जानें क्या है इस दिन का महत्व, नियम और पूजा विधि

Chhath Puja 2023: खरना के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। इस दिन छठी माता का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। अगले दिन सूर्यास्त के समय व्रती नदी और घाटों पर पहुंचते हैं।

Update:2023-11-18 10:18 IST

Chhath Puja 2023 (Social Media)

Chhath Puja 2023: चार दिवसीय पर्व छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय और दूसरे दिन खरना होता है। छठ पूजा व व्रत का प्रारंभ हिंदू धर्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और दूसरे दिन पंचमी तिथि को खरना होता है। खरना के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। इस दिन छठी माता का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है। खास बात यह है कि वह खीर मिट्टी के चूल्हे पर बनाई जाती है। प्रसाद तैयार होने के बाद व्रती महिलाएं सबसे पहले इसका सेवन करती हैं,जिसके बाद इसे बांटा जाता है।

छठ पूजा में क्या है खरना का महत्व 

लोक आस्था का महापर्व डाला छठ 17 नवंबर से शुरू हो गया है। छठ का पहला दिन नहाय खाय के रूप में मनाया जाता है। छठ व्रत सबसे कठिन व्रत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं छठ के नियमों का पालन करती हैं, छठी माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है। यह त्यौहार चार दिनों तक चलता है। छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। खरना का अर्थ है शुद्धिकरण।

खरना के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाने की हैं परंपरा

खरना के दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं। इस दिन छठी माता का प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। अगले दिन सूर्यास्त के समय व्रती नदी और घाटों पर पहुंचते हैं। जहां डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दौरान सूर्य देव को जल और दूध से अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही इस दिन व्रती महिलाएं छठी मैया के गीत भी गाती हैं।

खरना पूजा के लिए जरूरी सामान

छठ पूजा के लिए बांस की बड़ी टोकरियां और सूप की जरूरत होती है। इसके अलावा लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास,चावल, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना, सुथनी, सकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती, नीबू, शहद, पान, साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चंदन और मिठाई की जरूरत होती है।

खरना के दिन करें ये काम

खरना पूजा का प्रसाद हमेशा ऐसी जगह बनाना चाहिए जहां रोजाना का खाना न बनता हो। खरना का प्रसाद बनाने के बाद सबसे पहले व्रती को इसका सेवन करना चाहिए। व्रती को किसी शांत स्थान पर बैठकर खरना का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य दिए बिना कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। छठ पूजा के दौरान घर में झगड़ा न करें। खासतौर पर व्रत करने वाले को किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिए।

खरना के दिन न करें ये काम

अक्सर बच्चे बिना हाथ धोए गंदे हाथों से खरना का सामान छू लेते हैं। तो भूलकर भी उस सामान का दोबारा प्रयोग न करें। पूजा में बनने वाला प्रसाद पहले नहीं देना चाहिए। छठ पर्व के दौरान पूरे चार दिन प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। खरना वाले दिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, किसी भी चीज को हाथ धोए बिना ना छुएं। छठ के दौरान महिलाओं को चार दिन तक पलंग पर नहीं सोना चाहिए, उन्हें जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए।

खरना की हार्दिक शुभकामनाएं!

चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील के उप जिलाधिकारी आलोक कुमार ने वनांचल के लोगों को लोक आस्था का महान पर्व छठ के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठ पूजा के इस पावन पर्व पर छठी मैया की कृपा बनी रहे। आप और आपका परिवार आनंद और उल्लास में रहे। खरना की हार्दिक शुभकामनाएं!

क्षेत्र के सदर नौगढ़ और बाघी गांव की ग्राम पंचायत के प्रधान नीलम ओहरी और प्रधान प्रतिनिधि आशीष कुमार उर्फ दीपक गुप्ता ने भी चार दिवसीय डाला छठ महापर्व के अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छठ पूजा का यह महापर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और उमंग भर दे। छठी मैया का आशीर्वाद आपके परिवार पर सदैव बनी रहे। खरना की हार्दिक शुभकामनाएं!

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