Chandauli News: नाराज निषाद समाज ने खोला मोर्चा, जानिए क्या है वजह
Chandauli News: गांव में विकास नहीं होने से ग्रामीण लामबन्द होकर पंकज निषाद के नेतृत्व में गांव में बैनर लेकर ग्रामीणों में पुरुष महिलाओं ने जलूस निकाल कर गांव की गलियों और घरों में जाकर वोट न करने की अपील की है।
Chandauli News: प्रदेश के चंदौली जनपद के धीना थाना क्षेत्र के महुजी गांव के निषाद बस्ती के लोगों ने विकास कार्यों को लेकर मतदान नहीं करने के लिए ग्रामीणों से अपील करते हुए जुलूस निकालकर प्रशासन को चेतावनी दी है। निषाद बस्ती की महिलाओं और पुरुषों ने बैनर लेकर ‘विकास नहीं तो वोट नहीं’ का नारा देते हुए गांव में जुलूस निकालकर प्रशासन को चेतावनी दी है।
बता दें कि चंदौली संसदीय क्षेत्र के सैयदराजा विधानसभा के धानापुर ब्लाक के महुजी गांव के ग्रामीणों ने लामबन्द होकर मतदान बहिष्कार करने की मुहिम छेड़ी है। वर्षों से विकास की बाट जोह रहे ग्रामीणों के सब्र का बांध आखिरकार मंगलवार को टूट गया। गांव में विकास नहीं होने से ग्रामीण लामबन्द होकर पंकज निषाद के नेतृत्व में गांव में बैनर लेकर ग्रामीणों में पुरुष महिलाओं ने जलूस निकाल कर गांव की गलियों और घरों में जाकर वोट न करने की अपील की है।
जब तक सड़क नहीं बनेगी, मतदान नहीं किया जाएगा
ग्रामीणों ने बताया कि निषाद समाज का सात सौ वोट है। आबादी लगभग तीन हजार की है, गांव में जाने का रास्ता नहीं हैं। कई बार जनप्रतिनिधियों ने अश्वासन दिया, लेकिन वोट लेने के बाद अपना किया गया वादा भूल जाते हैं। इस बार लोगों ने ठान लिया है कि ज़ब तक सड़क और नाली नहीं बनती, तब तक मतदान नहीं किया जाएगा।
एमएलए के खिलाफ भी आक्रोश
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ निषाद पार्टी का गठबंधन हैर, उसके बाद भी ग्रामीण विकास कार्य नहीं होने से नाराज हैं, यहां तक कि सैयदराजा विधानसभा के भाजपा के विधायक के खिलाफ भी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि हर जगह वह विकास करते हैं, लेकिन निषादों के यहां अभी तक किसी भी तरह का विकास नहीं किया गया है। अगर विकास करने का ठोस आश्वासन या व्यवस्था नहीं होती है तो निषादों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।
निषाद समाज में प्रदर्शन करने वालों में पंकज निषाद, अर्जुन बिन्द, रीता देवी, सरिता देवी, सुराही देवी, सुखदेई, जमुनी, लालमुनी, जाम्वमती, जूही, लक्ष्मीना, रमावती, लीलावती सहित सैकड़ों महिलाएं और पुरुष शामिल रहे।