Chandauli News: यूरिया की काला बाजारी को लेकर पांच औद्योगिक संस्थानों पर की गई छापेमारी

Chandauli News: टीम द्वारा छापेमारी के दौरान कुल 05 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। परीक्षण हेतु टेक्निकल ग्रेड यूरिया का 01 नमूना ग्रहीत किया गया।

Report :  Ashvini Mishra
Update: 2024-08-26 12:18 GMT

यूरिया की काला बाजारी को लेकर पांच औद्योगिक संस्थानों पर की गई छापेमारी: Photo- Newstrack

Chandauli News: चंदौली जनपद में अनुदानित यूरिया के कालाबाजारी को लेकर जिला कृषि अधिकारी व जिला उद्योग अधिकारी की संयुक्त टीम ने पांच औद्योगिक ठिकानों पर छापेमारी कर अनुदानित यूरिया के कालेबाजारी का परीक्षण किया। इस दौरान एक उद्योग से एक नमूना भी संगृहीत किया गया। लेकिन छापेमारी के दौरान कहीं भी कालेबाजारी का मामला नहीं पाया गया।

जनपद में औद्योगिक इकाइयों में अनुदानित यूरिया के कालेबाजारी को लेकर जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त संयुक्त टीम ने पांच औद्योगिक संस्थानों पर छापेमारी किया।इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि प्रमुख सचिव, कृषि विभाग, उप्र शासन लखनऊ के निर्देश पर जनपद में स्थापित औद्योगिक संस्था जैसे-कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून, पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बोर्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण में प्रयोग किये जा रहे अनुदानित यूरिया की जांच कर अनुदानित यूरिया के प्रयोग किये जाने पर सम्बन्धित फर्मों पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु उर्वरक निरीक्षक एवं उद्योग विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद में छापे की कार्यवाही की गयी।

टीम का गठन जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे के आदेश के क्रम में जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव एवं उद्योग विभाग के सहायक आयुक्त विजय कुमार द्वारा छापेमारी के दौरान कुल 05 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया।


परीक्षण हेतु टेक्निकल ग्रेड यूरिया का 01 नमूना ग्रहीत किया गया। जनपद चन्दौली में औद्योगिक इकाईयों पर अनुदानित यूरिया का उपयोग जनपद के उत्पादों के विर्निमाण में किया जाना नही पाया गया।

जनपद के समस्त औद्योगिक संस्था जैसे-कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवूड, लेमिन बोर्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण के प्रोपराइटर को निर्देशित किया जाता है कि जिन भी उत्पाद में यूरिया का प्रयोग किया जाता है, उसमें अनुदानित यूरिया का प्रयोग कदापि न करें अन्यथा निरीक्षण तथा परीक्षण में यह पाया जाता है कि आप द्वारा अनुदानित यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है तो नियमानुसार उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

जिले में अवैध रूप से उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वर्तमान समय में जनपद में समस्त उर्वरक उपलब्ध है। जनपद के प्रत्येक क्षेत्र में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।

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