पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात अभियुक्तों के के खिलाफ आरोप तय

पाॅक्सो की विशेष अदालत ने गैंगरेप और जानमाल की धमकी के मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सभी सात मुल्जिमों के खिलाफ मंगलवार को आरोप तय कर दिए गए।

Update: 2017-07-18 18:54 GMT
hearing on gayatri prajapati case order reserved on discharge application

लखनऊ: पाॅक्सो की विशेष अदालत ने गैंगरेप और जानमाल की धमकी के मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सभी सात मुल्जिमों के खिलाफ मंगलवार को आरोप तय कर दिए गए। विशेष जज उमाशंकर शर्मा ने आरोप तय करते हुए अभियोजन की गवाही के लिए 01 अगस्त की तारीख तय की है। इस दौरान सभी मुल्जिम जेल से अदालत में हाजिर थे।

कोर्ट ने गायत्री के साथ-साथ सह अभियुक्त विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किए हैं। गायत्री, विकास, आशीष और अशोक के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किए गए हैं।

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कोर्ट ने इससे पूर्व मुल्जिम विकास वर्मा की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी। साथ ही मुल्जिम चंद्रपाल की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी। अदालत का कहना था कि सभी मुल्जिमों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रर्याप्त साक्ष्य मौजूद है। बीते 03 जून को इस मामले के विवेचक और सीओ चौक राधेश्याम राय ने गायत्री समेत अन्य सभी मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 824 पन्ने के आरोप पत्र में कुल 24 गवाहों के नाम हैं।

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यह है मामला?

18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन सभी मुल्जिमों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पाॅक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का इल्जाम लगाया था। इस दौरान विवेचना पुलिस ने गायत्री समेत सभी मुल्जिमों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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25 अप्रैल को पाॅक्सो के विशेष जज ओम प्रकाश मिश्रा ने गायत्री और दो अन्य मुल्जिमों की जमानत मंजूर कर ली थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत संबधी उनके आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही जमानत पर रिहा हो चुके दोनों मुल्जिम विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को तत्काल गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया था। जिसके बाद यह दोनों आत्मसमर्पण कर जेल चले गए।

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इसके बाद हाईकोर्ट ने जमानत संबंधी आदेश को रद्द भी कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मुल्जिम विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और रुपेश्वर उर्फ रुपेश ने विशेष अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की। 03 जुलाई को पाॅक्सो की विशेष अदालत ने तीनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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