Chitrakoot: जबलपुर हादसे में चित्रकूट के सगे चाची-भतीजे की गई जान, परिजनों में मचा कोहराम

Chitrakoot: एमपी के जबलपुर स्थित न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भीषण आग लगने के दौरान जिन लोगों की जानें गई है, उनमें चित्रकूट जिले के दो लोग भी शामिल है।

Update: 2022-08-01 17:26 GMT

मृतकों की घर पर पहुंचे लोग। 

Chitrakoot: एमपी के जबलपुर स्थित न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भीषण आग (Fire In New Life Multispeciality Hospital) लगने के दौरान जिन लोगों की जानें गई है, उनमें चित्रकूट जिले के दो लोग भी शामिल है। इनमें मानिकपुर थाना क्षेत्र (Manikpur Police Station Area) के चुरेह केशरुवा गांव के मजरा गुरौला निवासी श्रीपाल यादव का बेटा सोनू उर्फ अमर यादव व धर्मपाल यादव की पत्नी अनुसुइया यादव है। मृतका अनुसुइया मृतक सोनू की सगी चाची है।

बीमारी के चलते बहन दीपा यादव को उस अस्पताल में कराया था भर्ती: श्रीपाल यादव

थाना क्षेत्र के चुरेह केशरुवा गांव के मजरा गुरौला निवासी श्रीपाल यादव की 40 वर्षीया बहन दीपा यादव के आंत में सूजन व लीवर में दिक्कत थी। दीपा बांदा जिले के बबेरू कोतवाली क्षेत्र (Baberu Kotwali area) के आलमपुर गांव में ब्याही है। वह अपने पति व बच्चों के साथ दिल्ली में रहती है। श्रीपाल ने बताया कि बहन की काफी तबीयत खराब होने की वजह से उसे यहां पर स्थानीय डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टरों ने उसे बाहर ले जाने की सलाह दी। जिस पर उसने अपने साढू कौशल यादव निवासी जबलपुर से बात की और दीपा को इलाज के लिए भेज दिया। दीपा के साथ उसका बेटा 26 वर्षीय सोनू यादव उर्फ अमर व भाभी 55 वर्षीया अनुसुइया पत्नी धर्मपाल जबलपुर गए थे।


न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में दीपा को 25 जुलाई को भर्ती कराया गया था। कई दिनों से उसकी हालत में काफी सुधार हुआ। सोमवार को ही दीपा की अस्पताल छुट्टी होनी थी। तभी अचानक अस्पताल में आग लग गई। मौजूद स्टाफ ने किसी तरह बहन दीपा को अन्य मरीजों के साथ लिफ्ट के जरिए सुरक्षित निकाल लिया। लेकिन उसका बेटा सोनू व भाभी अनुसुइया नहीं बच पाए। हादसे में सगे चाची-भतीजे की मौत की जानकारी जैसे ही गुरौला गांव में हुई, परिजनों में कोहराम मच गया। आनन-फानन में परिजन जबलपुर के लिए रवाना हो गए।


रिश्तेदारों का घर पर लगा जमावड़ा

घटना की जानकारी जैसे ही इलाके में हुई, आसपास के गांवों से रिश्तेदारों का घर पर जमावड़ा लग गया। लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले। रात भर मृतकों के घर पर लोग बैठे रहे। मृतक सोनू दो भाइयों में बड़ा है। उसकी अभी शादी नहीं हुई। जबकि मृतका अनुसुइया के दो बेटे व एक बेटी है।


ज्यादातर अस्पतालों के दिखावा बने अग्निशमन यंत्र

जिले में एक सैकड़ों से ज्यादा मानक विहीन अस्पताल चल रहा है, जिनमें आग जैसी घटनाएं होने के दौरान बचाव के कोई इंतजाम नहीं है। कई ऐसे हॉस्पिटल है, जिनमें दिखावे के तौर पर अग्निशमन यंत्र तो लगे है, लेकिन वह खाली है। ऐसा इसलिए है कि अगर कभी कोई छापेमारी या जांच हो तो दिखाने के लिए नजर आए। कुछ ऐसे बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करने वाले अस्पताल संचालित है, जिनमें संचालकों को शायद खुद भी पता नहीं होगा कि यहां लगे सिलेंडर कब से नहीं बदले गए है। जिम्मेदारों की मिलीभगत के चलते प्रशासन के नाक के नीचे ऐसे अस्पतालों का संचालन हो रहा है। बूचड़खाने की तरह मरीजों को कमरों में रखा जाता है।


डीएम ने सीएमओ को किया निर्देशित

डीएम अभिषेक आनंद (DM Abhishek Anand) ने कहा कि सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि एक टीम बनाकर जिले के सभी अस्पतालों की चेकिंग कराई जाए। अगर कोई अस्पताल मानक के अनुरुप संचालित नहीं है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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