Chitrakoot News: धर्मनगरी में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने में अपनाया दोहरा मापदंड
Chitrakoot News: बीते सोमवार को वन विभाग व प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ सोमवार को परिक्रमा मार्ग में चिन्हांकन के बाद अतिक्रमण हटाना शुरु किया था।
Chitrakoot News: भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एक बार फिर से प्रशासन ने दोहरा मापदंड अपनाना शुरु कर दिया है। प्रशासन की इस दोहरी नीति का चंद गरीब अतिक्रमणकारी शिकार हुए हैं। इसको लेकर अब विरोध के स्वर भी फूटने लगे है। कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में अतिक्रमण हटाने में वन विभाग व प्रशासन की खानापूरी वाली प्रक्रिया देखने को मिली है। एक दिन पहले चले अभियान को देखकर प्रतीत हो रहा था कि शायद परिक्रमा मार्ग से अब पूरी तरह अतिक्रमण हट जाएगा और कामदगिरि (पर्वत) की तरफ वन विभाग की जमीन में अवैध कब्जे कर बनी दुकानें व आवासीय मकान हटेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केवल पहले की ही तरह दो-चार लोगों का अतिक्रमण हटाते हुए अल्टीमेटम देकर जिम्मेदार खिसक गए।
अतिक्रमण हटाने में किया गया मनमाना बर्ताव
बीते सोमवार को वन विभाग व प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ सोमवार को परिक्रमा मार्ग में चिन्हांकन के बाद अतिक्रमण हटाना शुरु किया था। लेकिन अतिक्रमण हटाने में जिम्मेदार मुंहदेखी बर्ताव करते नजर आए। क्योंकि पहले से चिन्हित स्थलों जिनमें लाल निशान लगे हैं, उनको टच तक नहीं किया गया। ऐसे बर्ताव देखते हुए प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने के साथ ही आरोप लगने शुरु हो गए है। मुख्य बात यह है कि प्रशासन ने दावा किया था कि 25 स्थाई व 183 अस्थाई चिन्हित अतिक्रमणकारियों को हटाया गया है। वहीं परिक्रमा मार्ग में स्थलीय तौर पर देखा जाए तो सिर्फ खोही के पास पर्वत के ऊपर किए गए तीन-चार अवैध कब्जों को ही हटवाया है। इसके साथ ही प्रशासन ने अभियान को एक दिन के लिए रोक दिया। फलस्वरुप, मंगलवार को अभियान थमा रहा। फिर भी अतिक्रमणकारियों में अभियान चलने को लेकर दहशत बनी रही। परिक्रमा पथ अतिक्रमण हटाने में प्रशासन के दोहरे मापदंड को लेकर खासी चर्चाएं होती रही। लोगों की जुबानों में यही रहा कि प्रशासन को सही फैसला लेकर अभियान चलाना चाहिए। इसमें किसी के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाना गलत है।
प्रतीक्षालायों में खुली दुकानें, नजर नहीं आती पानी की टंकी
सरकार ने परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह यात्री प्रतीक्षालयों का निर्माण कराया है। ताकि श्रद्धालु परिक्रमा लगाने के दौरान बैठ सकें। पेयजल व्यवस्था के लिए टंकियां बनी है। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने इन प्रतीक्षालयों में दुकानें खोल रखी है। पानी की टंकियों के सामने दुकानें लगा लिया है। जिससे श्रद्धालुओं को टंकी तक नजर नहीं आती और वह पीने के पानी के लिए भटकते हैं। दुकानदार इन टंकियों का प्रयोग अपने घरेलू तौर पर इस्तेमाल कर रहे है। रामायण दर्शन के पास पिछले अभियान के दौरान दुकान हटाई गई थी। लेकिन दोबारा यहां पर कई दुकानें लगा ली गई है।
यह बोले जिम्मेदार
एसडीएम सदर राजबहादुर ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान रुका नहीं है। गंगा दशहरा की वजह से मंगलवार को रोका गया था। बुधवार से फिर अभियान चलेगा। परिक्रमा मार्ग से जब तक स्थाई व अस्थाई चिन्हित अतिक्रमणकारी नहीं हट जाते, तब तक यह अभियान चलता रहेगा। कामदनाथ परिक्रमा मार्ग व पर्वत की तरफ के अलावा सरकारी जमीनों में किसी तरह का अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे कब्जेदारों को हटाने का ही अभियान चल रहा है।