क्लीन एयर एक्शन प्लान पर सक्रिय भागीदारी आवश्यक

शहर की स्वच्छ वायु कार्य योजना के लिए सिविल सोसाइटी संगठनों के सक्रिय प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-25 13:14 GMT

स्वच्छ वायु कार्य योजना से संबंधित सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: शहर की स्वच्छ वायु कार्य योजना को मजबूत और समावेशी बनाने पर बल देते हुए सीड में सीनियर प्रोग्राम अफसर अंकिता ज्योति ने कहा कि "एक्शन प्लान की मॉनिटरिंग कमिटी में विषय से संबंधित विशेषज्ञों और सिविल सोसाइटी संगठनों के सक्रिय प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। साथ ही एनफोर्समेंट एजेंसियों की तरफ से वायु प्रदूषण नियंत्रण के क़दमों में पारदर्शिता होनी चाहिए।"

सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने लखनऊ में वायु प्रदूषण को कम करने से संबंधित रणनीतियों पर एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें शहर के लिए बनी स्वच्छ वायु कार्य योजना (क्लीन एयर एक्शन प्लान) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्थानीय स्तर पर प्रासंगिक समाधानों पर विचार किया गया। उन्होंने आम नागरिकों की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए क्रियान्वयन गतिविधियों में उनका समर्थन और भागीदारी महत्वपूर्ण है। यह सहभागी प्रक्रिया लोगों को शहर में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति के बारे में जागरूक करेगी और योजना के कार्यान्वयन के लिए उनके सामूहिक प्रयास को गति देगी।

इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य एयर क्वालिटी डाटा पर सभी स्टेकहोल्डर्स की समझ बढ़ाना और क्लीन एयर एक्शन प्लान पर लोगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना था। परिचर्चा में स्वच्छ ईंधन एवं सततशील ऊर्जा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और उद्योग-व्यवसाय आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने प्रदूषण उत्सर्जन को कम करने के तरीकों पर चर्चा की, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार से पर्यावरण को स्वच्छ किया जा सके।

लखनऊ नगर निगम में मुख्य पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने कहा कि, "राज्य सरकार और स्थानीय नगर निगम क्लीन एयर एक्शन प्लान को लागू करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हमने स्थानीय स्तर पर प्रदूषण स्रोतों के फैलाव और उत्सर्जन मानकों के उल्लंघन को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। साथ ही शहर में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पर हम पहल ले रहे हैं। राज्य सरकार स्वच्छ पर्यावरण और वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के 16 शहर नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अंतर्गत आते हैं, जहां उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन शहरों के लिए स्वच्छ वायु कार्य योजना मार्च, 2019 में तैयार की गई थी। लखनऊ के लिए बने क्लीन एयर एक्शन प्लान में 17 विभिन्न विभागों और एनफोर्समेंट एजेंसियों के लिए 56 एक्शन पॉइंट्स तय किए गए हैं, जिनका प्रभावी क्रियान्वयन बेहद जरूरी है।

प्रदूषण स्रोतों को रोकने में लोगों की सक्रिय भूमिका पर बल देते हुए कॉउन्सिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) में प्रोग्राम लीड तनुश्री गांगुली ने कहा कि, "हमारे मॉडलिंग स्टडीज दर्शाते हैं कि लखनऊ में पर्टिकुलेट मैटर 2.5 की 20 से 25 प्रतिशत सघनता के पीछे कच्ची सड़कों पर आवागमन के दौरान और भवन निर्माण से जुडी गतिविधियों के कारण उड़ती धूल और खुले में कूड़े-कचड़े के जलावन जैसे प्रदूषक स्रोत जिम्मेवार हैं। ऐसे में इन प्रदूषण स्रोतों की व्यापक मैपिंग शहर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आम नागरिक अपने आसपास दिख रहे ऐसे प्रदूषण के बारे में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिले के सक्षम एनफोर्समेंट एजेंसियों को सूचित कर सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं, ताकि उनके द्वारा समुचित समाधान किया जा सके।"

परिचर्चा में प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों और नागरिकों ने पुरजोर ढंग से क्लीन एयर एक्शन प्लान को समय आधारित और ठोस परिणाम के साथ लागू करने पर बल दिया। इस वेबिनार को डॉ. ऋचा मिश्रा (एसीईए कंसल्टेंट्स) और संजय सिंह (विज्ञान फाउंडेशन) ने भी संबोधित किया। इस वेबिनार में सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स जैसे सिविल सोसाइटी संगठनों, क्लीन एयर एक्सपर्ट्स, रिसर्च थिंक-टैंक, उद्योग और व्यापार संघों के प्रतिनिधि, युवाओं और आम नागरिकों की भागीदारी रही, जहां उनकी आकांक्षाएं एवं प्रस्तावित समाधान सामने आये। 

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