सीएम ने दिया आश्वासन, आबादी से दो किलोमीटर दूर बनाया जाए कचरा घर

Update: 2018-06-19 05:30 GMT

नोएडा: कचरा घर को सामाजिक संगठनों व राजनितिक दलों की मुहिम अब रंग लाने लगी है। सोमवार को कूड़ा घर विरोध संघर्ष समिति के बैनर तले गाजियाबाद में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कचरा घर बनाया जाए। लेकिन आबादी से दो किलोमीटर दूर।

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उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले का निस्तारण जल्द किया जाएगा। इसको लेकर मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण में सांसद, विधायक, प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी व सोसाइटी के लोगों के साथ एक बैठक की जाएगी। जिसमे तय किया जाएगा कि कचरा घर के लिए विकल्प तलाश किए जाएंगे।

कोई भी कचरा घर 100 मीटर के दायरे में नहीं बन सकता

ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के नियमों का हवाला देते हुए बताया गया कि कोई भी कचरा घर (सेनेट्री लैंड फिल साइट) रिवर बैंड के 100 मीटर के दायरे में नहीं बन सकता। यही नहीं 200 मीटर के दायरे में आबादी, हाइवे, पब्लिक पार्क, वाटर सप्लाई नहीं होनी चाहिए। लेकिन यहा नियमों का उल्लघंन कर एनजीटी के निर्देशों का हलावा दिया जा रहा है। इसको लेकर गत 6 जून से लगातार सेक्टर-123 में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। दो बार गिरफ्तारी भी दी जा चुकी है।

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बढ़ते विरोध को देखते हुए संघर्ष समिति व राजनितिक दल व सामाजिक संगठनों ने मिलकर एक प्रतिनिधि मंडल बनाया। प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को गाजियाबाद में मुख्यमंत्री के घेराव व काले झंडे दिखाने की योजना बनाई थी। लेकिन बाद में यहा के जन प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के साथ उनकी मुलाकात फिक्स कराई। ऐसे में दोपहर बाद प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर कचरा घर बनाया जा रहा है। उससे 50 मीटर की कम दूरी पर रिहाएशी आबादी है।

कचरा घर बनने से संक्रमण की बीमारी हो सकती है

यही नहीं, आसपास करीब एक दर्जन गांव है, जिनकी आबादी 50 हजार से भी ज्यादा है। कचरा घर बनने से संक्रमण की बीमारी हो सकती है। इसका असर हमारी आने वाली पीढ़ी पर साफ दिखेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री ने मौजूद जनप्रतिनिधियों व प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिए कि साइट ऐसे स्थान पर बनाई जाए जो आबादी से करीब दो किलोमीटर दूर हो। इसको लेकर एक बैठक आहूत की जाए जिसमे प्राधिकरण, जन प्रतिनिधि के अलावा सोसाइटी के लोग शामिल हो। वह आसपी तालमेल बनाए और स्थान चिन्हित करे।

बदला स्थान तो प्राधिकरण पर बढ़ेगा बोझ

कचरा घर सेक्टर-123 में बनाया जाए यह निर्देश एनजीटी ने प्राधिकरण को दिए है। 29 मई को जारी निर्देश के तहत प्राधिकरण ने गत गुरुवार से यहा कचरा डालना शुरू कर दिया। बतौर इसके लिए यहा 120 मीटर लंबा , 75 मीटर चौड़ा व करीब 5 मीटर गहरा गढ्ढा खोदा गया। इसके बाद लाइनर बिछाया गया। इसके बाद कचरा फेंका गया। यही नहीं जिस कंपनी का चयन कचरे को विराजित करने के लिए चुन गया। उसे सेक्टर-123 में प्लांट लगाने के लिए कहा गया।

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वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का मॉडल से लेकर जारी किए गए निविदा सेक्टर-123 के लिए ही है। ऐसे में यदि प्राधिकरण नए सिरे से स्थान तलाशता है तो यह सारी प्रक्रिया दोबारा से करनी होंगी। इससे परियोजना में देर होगी साथ ही शहर का कचरा कहा फेंका जाए इसको लेकर असमंजस कायम रहेगा। बताते चले एनजीटी ने पहले ही सेक्टर-54, 138 व 68 में कचरा डालने से मना कर दिया है। सेक्टर-54 में कचरा फेंकने पर प्राधिकरण को एनजीटी ने अदालत की अवमानना के मामले में पहले ही फटकार लगा चुकी है।

लिखित में दिया जाए आश्वासन

मुख्यमंत्री से मिलकर वापस लौटा प्रतिनिधि मंडल पंचायत स्थल पहुंचे। यहा लोगों को जानकारी दी गई। ऐसे में प्रदर्शनकारियों के चेहरों में खुशी का महौल साफ देखा गया। लेकिन उन्होंने आश्वासन को लिखित रूप में दिए जाने की मांग की।

इस मौके पर भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र यादव कहा कि जब तक नोएडा प्राधिकरण लिखित रूप में नहीं देता है तब धरना ऐसे ही चलता रहेगा प्रशासन चाहे कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन यहा कचरा घर किसी कीमत पर नहीं बने दिया जाएगा।

पंचायत में यह निर्णय लिया है कि आने वाली 21 जून को योग दिवस पर कचरा घर के अंदर सामाजिक सगंठन के अलावा सैकड़ों कार्यकतार्ओं के साथ योग किया जाएगा। साथ ही एक विडियों तैयार कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजा जाएगा। ताकि वह शहर के लोगों की फिटनेस को देख सके।

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