CM Yogi in Lakhimpur: दिवंगत विधायक अरविंद गिरी को देंगे श्रद्धांजलि, परिजनों से करेंगे मुलाकात
CM Yogi in Lakhimpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लखीमपुर खीरी आएंगे जहां गोला विधानसभा से विधायक रहे अरविंद गिरी के परिजनों से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे और दिवंगत विधायक को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।;
CM Yogi in Lakhimpur (image social media)
CM Yogi in Lakhimpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज लखीमपुर खीरी आएंगे जहां गोला विधानसभा से विधायक रहे अरविंद गिरी के परिजनों से और उनके आवास पर मुलाकात करेंगे। 11:10 बजे राजेंद्र सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज स्टेडियम में उनका हेलीकॉप्टर उतरेगा। वहां से कार से विधायक स्वर्गीय अरविंद गिरी के घर जाएंगे, जहां परिजनों से मुलाकात कर दिवंगत विधायक को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन अलर्ट हो गया है अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने और उप जिला अधिकारी ने हेलीपैड बनवाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। तय हो सकता है विधायक का उत्तराधिकारी। 11:55 बजे भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर सकते हैं सीएम योगी। सीएम योगी की परिजनों से मुलाकात खास मानी जा रही है। सूत्र बता रहे हैं कि आज की मुलाकात में अरविंद गिरी का उत्तराधिकारी भी तय हो जाएगा या भी तय होगा कि उपचुनाव में भाजपा किसको टिकट देगी।
अरविंद गिरी की गिनती क्षेत्र के मजबूत भाजपा नेताओं में होती रही है। वह विधानसभा के पांच बार सदस्य रहे। 2014 में लोकसभा चुनाव में वह रनर रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में 'गोला गोकर्णनाथ' निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 6 सितंबर को 64 वर्ष की आयु में हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया था। 30 जून 1958 को जन्मे अरविंद गिरि ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत 1994 में समाजवादी पार्टी से की थी. 1995 में वह रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर गोला नगर पालिका अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर 49 हजार मत पाकर विधायक बने। 2000 में वह दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष बने।
2002 में सपा के टिकट पर अरविंद गिरि दूसरी बार विधायक बने. 2005 में सपा शासनकाल में उन्होंने अपने भाई की पत्नी अनीता गिरि को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित कराया। 2007 में नगर पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष पद पर पत्नी सुधा गिरि को जिताया। फिर 2007 में ही 58 हजार मत पाकर तीसरी बार विधायक बने। 2012 में वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीते। 2017 में वह भाजपा के साथ आ गए तब से भाजपा के ही साथ हैं। भाजपा के टिकट पर वह दो बार विधायक चुने गए।