प्रदेश स्तर की टीम-9 की तर्ज पर अब जिलों में अलग-अलग टीमों का गठन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रदेश स्तर की टीम-9 की तर्ज पर अब जिलों में भी अलग-अलग टीम का गठन किया जाएगा जो अपनी अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाने का काम करेंगी।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Monika
Update: 2021-05-10 08:16 GMT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो: सोशल मीडिया ) 

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की प्रदेश स्तर की टीम-9 (Team 9) की तर्ज पर अब जिलों में भी अलग-अलग टीम का गठन किया जाएगा जो अपनी अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाने का काम करेंगी। यह टीमें इस बात पर नजर रखेंगी कि मैनपावर और वैक्सीनेशन (Vaccination) का कार्य, होम आइसोलेशन (Home isolation) , मेडिकल किट (Medical kit) के साथ ही रेमडेसिविर (Remdesivir) और अन्य दवाओं, एम्बुलेंस, नये ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plan) , वेंटिलेटर फंक्शनल (Ventilator functional) है या नहीं। इसी प्रकार, ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसके ऑडिट और होम आइसोलेशन में भी रहने वालों को ऑक्सीजन मिले इसकी व्यवस्था भी देखने का काम करेंगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन, कोरोना कर्फ्यू , स्वच्छता, सेनेटाइजेशन, निगरानी समिति, क्वारंटीन सेंटर, प्रवासी कामगार व श्रमिक और कम्युनिटी किचन के कार्य को भी इन टीमों द्वारा देखा जाएगा ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। यह एक बड़ी चुनौती है। विगत 30 अप्रैल, को सर्वाधिक एक्टिव मामलों की संख्या से अब तक 77 हजार केसेज की कमी आयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में संक्रमण को देखते हुए निगरानी समितियों द्वारा घर-घर गहन स्क्रीनिंग की जाए। कोविड लक्षण वालों को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जाए। तथा परिजनों की सूची बनाकर आरआरटी को उपलब्ध करायी जाए, जिससे उनका एंटीजन टेस्ट आरआरटी टीम द्वारा किया जा सके। पॉजिटिव पाए जाने पर तत्काल दवा प्रारम्भ कर दी जाए। टेस्ट के लिए सीएचसी एवं पीएचसी में न बुलाकर आरआरटी गांव में जाएं। उन्होंने आरआरटी टीम को ट्रेनिंग देकर संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया।

पंचायत भवन-विद्यालय बनेंगे क्वारंटीन सेंटर 

उन्होंने कहा कि गांव में पंचायत भवन, विद्यालय आदि को क्वारंटीन सेंटर बनाया जाए। उसमें पॉजिटिव मरीजों को रख कर उसकी जिम्मेदारी निगरानी समिति को दें और डॉक्टर उनका हालचाल लेते रहें। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि हमें किसी भी हाल में महामारी की चेन तोड़नी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए अभियान चलाकर फॉगिंग, एंटी लार्वा छिड़काव, सैनिटाइजेशन की गति तेजी के साथ बढ़ायी जाए, जिससे बरसात में डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, टाइफाइड आदि से लोगों का बचाव हो सके। हमें जीवन को भी बचाना है और जीविका को भी बचाना है। जितनी जल्दी उपचार करना शुरू कर देंगे, उतनी जल्दी मरीज ठीक होगा। गंभीर स्थिति नहीं आने पाएगी, हर हाल में जनहानि को रोकना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

बच्चों पर फोकस करते हुए तैयारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के सम्बन्ध में भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत बच्चों पर फोकस करते हुए तैयारी होनी चाहिए। बड़े जनपदों में 100 बेड तक पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) तैयार किया जाए और मैनपावर को बढ़ाया जाए। इसके साथ ही हर अस्पताल द्वारा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को फंक्शनल कराया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया जाए। भर्ती मरीजों की जानकारी उनके तीमारदारों को दिन में एक बार अवश्य दी जाए। कंटेनमेंट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही, डोर स्टेप डिलीवरी को भी सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन सेंटर पर उतने ही लोगों को बुलाया जाए, जितने लोगों को वैक्सीन देना है। उन्होंने बीएचयू को टेली कंसल्टेंसी की सुविधा को और सुदृढ़ तरीके से संचालित करने की बात कही। इसके लिए टाइम निर्धारित कर टेलीफोन नंबर प्रचारित करके, लोगों को उसकी जानकारी दें, जिससे हर तरह के मरीजों को यह सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कुछ प्राइवेट लैब मनमानी कर रहे हैं और निर्धारित रेट से अधिक ले रहे हैं। इस पर कड़ी नजर रखते हुए सख्त कार्यवाही की जाए।

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