आरक्षण की मूल भावना व पिछड़े वर्गों के हितों पर प्रहार कर रही यूपी सरकार: कांग्रेस

उन्होंने आईएएस-पीसीएस व अन्य अधीनस्थ सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बेहतर कोचिंग के लिए अनुसूचित जाति की तरह ही ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की कोचिंग के लिए बजट का प्रावधान करने की मांग की है।

Update:2020-05-03 16:16 IST

लखनऊ: यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश सरकार पर आरक्षण की मूल भावना और पिछड़े वर्गों के हितों पर करारा प्रहार करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने आईएएस-पीसीएस व अन्य अधीनस्थ सेवाओं की प्रारम्भिक परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बेहतर कोचिंग के लिए अनुसूचित जाति की तरह ही ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की कोचिंग के लिए बजट का प्रावधान करने की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि एक ओर लॉकडाउन में जहां पूरा प्रदेश का जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव द्वारा जारी किए गए शासनादेश में यह कहा गया कि प्रदेश के सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति के वर्ग के अभ्यर्थियों को आईएएस, पीसीएस तथा अन्य अधीनस्थ परीक्षाओं में प्रीलिम्स में चयनित अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में इनके लिए बेहतर कोचिंग की सुविधा के लिए 55-55 लाख रुपए का बजट का प्रावधान किया गया।

उन्होंने कहा कि उक्त शासनादेश में ओबीसी वर्ग के लिए पहले से चले आ रहे हैं बजट के प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने इसे प्रदेश के ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शासनादेश में संशोधन कर संविधान सम्मत ओबीसी वर्ग के लिए भी बजट का प्रावधान करने की मांग की है।

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ओबीसी अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बीती 21 अप्रैल को अधीनस्थ सेवाओं में भर्ती के लिए आवेदन जारी करने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है। आवेदन के लिए ओबीसी अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना पड़ेगा।

ऐसे में जब लॉकडाउन चल रहा है तो जाति प्रमाणपत्र बनना बहुत मुश्किल होगा। उत्तर प्रदेश सरकार या तो आवेदन की तिथि को आगे बढ़ा दे या फिर 31 मार्च 2020 से पहले जो जाति प्रमाण पत्र जारी हुए हैं उन्हें मान्य कर ले।

उन्होंने कहा बीती 30 अप्रैल को उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव ने एक शासनादेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि ग्राम विकास अधिकारी के 336 पद खाली हैं अतः इन पदों को भरने के लिए ग्राम विकास विभाग राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 1991 में संशोधन करने की आवश्यकता है।

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केंद्र सरकार में सचिवों की भर्ती लैटरल एंट्री से

प्रमुख सचिव का यह सुझाव कि खाली पदों को भरने के लिए सरकारी अधिकारियों से प्रतिनियुक्त पर भरे, यह एक प्रकार से लैटरल एंट्री है जैसे कि केंद्र सरकार में सचिवों की भर्ती लैटरल एंट्री से होती है।

इससे सामाजिक न्याय और संविधान की मूल भावना प्रभावित होगी। अजय कुमार ने कहा कि संविधान की मूल भावना पर प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रहारों को कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। प्रदेश सरकार इन फैसलों को तुरंत बदले।

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